Education Department: बिहार सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और छात्रों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. नए शैक्षणिक सत्र से पहले शिक्षा विभाग ने कई अहम बदलावों की घोषणा की है. इनमें अतिरिक्त कक्षाओं का निर्माण, जर्जर भवनों का जीर्णोद्धार, आधारभूत संरचना का विकास और छात्रों को शैक्षणिक किट प्रदान करना शामिल है.
नए सत्र से छात्रों के लिए अधिक कक्षाएं
राज्य के सभी 71,863 प्रारंभिक और 9,360 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाओं का निर्माण किया जाएगा.
- कक्षाओं की संख्या में वृद्धि: इससे छात्रों को बेहतर पढ़ाई का माहौल मिलेगा और भीड़भाड़ से राहत मिलेगी.
- जर्जर भवनों का जीर्णोद्धार: जिन स्कूलों के भवन जर्जर स्थिति में हैं. उनका नवीनीकरण किया जाएगा ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
- आधारभूत संरचना का विकास: चहारदीवारी, शौचालय और अन्य सुविधाओं के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
जिलों को जारी किए गए निर्देश और बजट
शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को स्कूलों के विकास के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं.
- 178 करोड़ रुपये का बजट: इनमें से 39 करोड़ रुपये आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए और 45 करोड़ रुपये माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए आवंटित किए गए हैं.
- चहारदीवारी के लिए 14 करोड़ रुपये: स्कूल परिसरों को सुरक्षित बनाने के लिए चहारदीवारी के निर्माण पर जोर दिया गया है.
छात्रों को मिलेगी शैक्षणिक किट
अप्रैल में शुरू होने वाले नए सत्र के पहले सप्ताह में पहली से 12वीं कक्षा तक के छात्रों को शैक्षणिक किट दी जाएगी.
- एक करोड़ 84 लाख छात्रों को लाभ: शैक्षणिक किट उन्हीं छात्रों को मिलेगी. जिनके विवरण आधार कार्ड के साथ ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड हैं.
- किट में शामिल सामग्री: किट में किताबें, कॉपियां, स्टेशनरी और अन्य जरूरी सामग्री होगी, जिससे छात्रों की पढ़ाई को आसान बनाया जा सके.
सरकारी स्कूलों की रैंकिंग प्रणाली
बिहार के सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार के लिए शिक्षा विभाग ने रैंकिंग प्रणाली शुरू की है.
- 5 स्टार रैंकिंग: स्कूलों को उनकी प्रदर्शन के आधार पर 5 स्टार तक की रैंकिंग दी जाएगी.
- प्रदर्शन में सुधार की पहल: यह कदम शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन को प्रेरित करेगा कि वे शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाएं.
- लापरवाही पर कार्रवाई: शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि लापरवाही बरतने वाले स्कूलों और शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मिड-डे मील में सुधार की योजना
सरकार मिड-डे मील योजना को बेहतर बनाने की दिशा में भी काम कर रही है.
- गुणवत्ता पर ध्यान: छात्रों को पोषक और स्वच्छ भोजन प्रदान करना प्राथमिकता होगी.
- निरीक्षण और समीक्षा: मिड-डे मील की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियमित निरीक्षण किया जाएगा.
शिक्षा में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
बिहार सरकार की यह पहल शिक्षा के स्तर को सुधारने और छात्रों के लिए बेहतर माहौल उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
- सुविधाओं में वृद्धि: अतिरिक्त कक्षाएं और बेहतर आधारभूत संरचना छात्रों को पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगी.
- सुरक्षा सुनिश्चित: चहारदीवारी और जर्जर भवनों का नवीनीकरण छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा.
- पढ़ाई के साधन: शैक्षणिक किट और बेहतर मिड-डे मील योजना से छात्रों को पढ़ाई के लिए आवश्यक संसाधन मिलेंगे.
अभिभावकों और शिक्षकों की भूमिका
सरकार के इस प्रयास को सफल बनाने में अभिभावकों और शिक्षकों की भूमिका भी अहम होगी.
- अभिभावकों की भागीदारी: अभिभावकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके बच्चों का विवरण ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर सही तरीके से अपलोड हो.
- शिक्षकों की जिम्मेदारी: शिक्षकों को बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के साथ-साथ स्कूल के विकास कार्यों में सहयोग करना होगा.