प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगेगी लगाम, महंगी किताबें खरीदने के लिए नही बना सकेंगे दवाब Govt Action On Private School

Govt Action On Private School: हरियाणा सरकार ने निजी स्कूलों द्वारा पैरंट्स पर महंगी किताबें, यूनिफॉर्म और अन्य सामान खरीदने के लिए बनाए जा रहे दबाव को खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने सभी निजी स्कूलों के लिए सख्त एडवाइजरी जारी की है जिसमें 6 मुख्य बिंदुओं को स्पष्ट किया गया है। अब अगर कोई स्कूल इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। यह कदम पैरंट्स और छात्रों के हित में उठाया गया है जिससे शिक्षा को अनावश्यक रूप से महंगा होने से रोका जा सके।

स्कूल किताबों की खरीद के लिए नहीं बना सकते दबाव

एडवाइजरी के अनुसार कोई भी स्कूल अब पैरंट्स को प्राइवेट पब्लिशर्स की महंगी किताबें खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। केवल NCERT और CBSE से मान्यता प्राप्त किताबें ही अनिवार्य की जा सकती हैं। इसके साथ ही स्कूलों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जो किताबें छात्रों की पढ़ाई के लिए अनिवार्य नहीं हैं, उन्हें सूची में शामिल न किया जाए। यह कदम उन स्कूलों के खिलाफ है जो निजी पब्लिशर्स से मिलीभगत कर पैरंट्स को महंगी किताबें खरीदने के लिए मजबूर करते थे।

पुरानी किताबों को भी मिलेगा बढ़ावा

सरकार ने यह स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि छात्रों को पुरानी किताबें उपयोग करने से रोका नहीं जाएगा। अक्सर स्कूल केवल नए संस्करण खरीदने का दबाव बनाते हैं, जिससे अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है। नई व्यवस्था के तहत स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे छात्रों को पुराने किताबों का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे किताबों का पुनः उपयोग बढ़ेगा और पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।

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हर साल यूनिफॉर्म बदलना होगा प्रतिबंधित

कई निजी स्कूल हर साल यूनिफॉर्म में बदलाव कर देते हैं, जिससे पैरंट्स को हर साल नई यूनिफॉर्म खरीदनी पड़ती है। अब सरकार ने स्कूलों को चेतावनी दी है कि वे अनावश्यक रूप से यूनिफॉर्म का डिजाइन बार-बार न बदलें। यूनिफॉर्म बदलने को “अनुचित व्यापारिक गतिविधि” माना गया है और यदि ऐसा पाया गया तो स्कूल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार का यह कदम शिक्षा को गैर-लाभकारी सेवा के रूप में बनाए रखने की दिशा में सराहनीय है।

स्कूल बैग का वजन होगा सीमित छात्र नहीं उठाएंगे बोझ

सरकार ने छात्रों के लिए स्कूल बैग के वजन की भी सीमा तय कर दी है। अब स्कूल को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी छात्र का बैग तय सीमा से अधिक न हो। बैग का अधिक वजन बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। नए नियम के अनुसार

  • कक्षा 1-2: अधिकतम 1.5 किलोग्राम
  • कक्षा 3-5: 2 से 3 किलोग्राम
  • कक्षा 6-7: अधिकतम 4 किलोग्राम
  • कक्षा 8-9: अधिकतम 4.5 किलोग्राम
  • कक्षा 10: अधिकतम 5 किलोग्राम

यह नियम बच्चों की शारीरिक क्षमता को ध्यान में रखकर बनाया गया है और इसे सख्ती से लागू किया जाएगा।

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स्कूल में शुद्ध पेयजल अनिवार्य पानी की बोतल लाने की बाध्यता खत्म

कुछ स्कूल छात्रों को खुद की पानी की बोतल लाने के लिए बाध्य कर रहे थे, जबकि स्कूलों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना अनिवार्य है। सरकार ने स्पष्ट कहा है कि हर स्कूल को पेयजल की उचित व्यवस्था करनी होगी। बच्चों को पानी न देना या स्कूल के अंदर पीने से वंचित करना पूरी तरह से नियमों के खिलाफ है और ऐसा करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी।

शिकायत दर्ज करने के लिए जारी होंगे अधिकारी के नंबर

राज्य सरकार ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे पैरंट्स की शिकायतों के लिए अपना मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी सार्वजनिक करें। इसके जरिए अगर कोई स्कूल नियमों का उल्लंघन करता है तो अभिभावक उसकी शिकायत सीधे अधिकारी को कर सकेंगे। अधिकारी खुद भी समय-समय पर अचानक निरीक्षण करेंगे ताकि एडवाइजरी का पालन सुनिश्चित हो।

शिक्षा को गैर-लाभकारी संस्था के रूप में बनाना है लक्ष्य

सरकार का कहना है कि स्कूलों को शिक्षा को व्यवसाय नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम समझना होगा। निजी स्कूल यदि शिक्षा को मुनाफे का जरिया बनाएंगे, तो उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। हरियाणा सरकार शिक्षा को सुलभ और किफायती बनाने की दिशा में प्रतिबद्ध है और यह एडवाइजरी उसी कड़ी का हिस्सा है।

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पैरंट्स को मिला बड़ा सहारा छात्रों को राहत

हरियाणा सरकार की इस एडवाइजरी से हजारों अभिभावकों को राहत मिलने जा रही है। अब उन्हें महंगी किताबें, यूनिफॉर्म और भारी बैग से छुटकारा मिलेगा। साथ ही बच्चों की सुरक्षा और सुविधा को लेकर भी स्कूलों को जवाबदेह बनाया गया है। यदि सभी स्कूल नियमों का पालन करते हैं तो निश्चित रूप से शिक्षा का स्तर और गुणवत्ता दोनों बेहतर होंगे।

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