New Link Road: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के 45 जिलों में स्थित 563 सड़कों की मरम्मत के लिए 207.88 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है. यह निर्णय राज्य की सड़कों की स्थिति में सुधार लाने के लिए किया गया है. लोक निर्माण विभाग ने इस प्रस्ताव को विचार के लिए पेश किया था जिसे योगी सरकार ने मंजूरी दे दी है.
प्रस्तावित वित्तीय व्यवस्था
शासन ने पहले चरण में 124.12 करोड़ रुपये जारी किए हैं जिससे इन सड़कों की मरम्मत का कार्य आगामी वित्तीय वर्ष में शुरू किया जा सकेगा. इस वित्तीय योजना का मुख्य उद्देश्य उन सड़कों को चालू हालत में लाना है, जिनकी मरम्मत में विलंब हो चुका है.
जन प्रतिनिधियों से संवाद और योजना का निर्माण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन सड़कों के मरम्मत प्रस्ताव के लिए जन प्रतिनिधियों से संवाद स्थापित करने के बाद विस्तृत कार्ययोजना तैयार की. यह योजना सड़कों के नवीनीकरण और संचालन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे राज्य की आवाजाही और विकास में सुधार होगा.
जिलावार मरम्मत कार्य की लिस्ट
इस मरम्मत कार्य के अंतर्गत आने वाले जिलों में मऊ, बांदा, बरेली, पीलीभीत, आगरा, आजमगढ़, बलिया, बहराइच, गोंडा, भदोही, मुरादाबाद, फतेहपुर, बदायूं, बाराबंकी, अयोध्या, शाहजहांपुर, बस्ती, संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, हरदोई, मीरजापुर, प्रतापगढ़, चित्रकूट, गाजीपुर, जौनपुर, रायबरेली, प्रयागराज, हापुड़, लखनऊ, बाराबंकी, चंदौली, मुजफ्फरनगर, उरई, लखीमपुर खीरी, उन्नाव, मैनपुरी, बिजनौर, फर्रुखाबाद, सुलतानपुर, झांसी, मथुरा, फिरोजाबाद, कानपुर देहात, बलरामपुर और कानपुर नगर जिले शामिल हैं. इन जिलों में सड़कों की मरम्मत से न केवल यातायात में सुधार होगा, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच संपर्क भी बेहतर होगा.
लंबे समय तक मरम्मत और जिम्मेदारियां
सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिन ठेकेदारों को सड़क मरम्मत का कार्य सौंपा गया है, उन्हें अगले पांच वर्षों तक सड़कों की गुणवत्ता बनाए रखनी होगी. अगर इस दौरान सड़कों की हालत खराब होती है, तो उसे ठेकेदार को अपने खर्च पर सुधारना होगा. इससे सड़कों की दीर्घकालिक गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित होगी.