Eletricity Department Action: बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में बेतिया बिजली प्रमंडल ने बीते 10 महीनों में बिजली चोरी के मामलों में भारी उछाल देखा है. इस दौरान, विभाग द्वारा 26 लाख यूनिट बिजली चोरी का पता लगाया गया, जिससे विभाग में काफी खलबली मची है. विभाग ने इस समस्या को रोकने के लिए एसटीएफ के साथ मिलकर छापेमारी अभियान तेज कर दिया है.
बिजली चोरी पर कसता विभागीय शिकंजा
विभागीय आंकड़ों के अनुसार, हाल ही में बिजली चोरी के 1,593 मामले सामने आए हैं जिनमें थानों में बिजली चोरी की एफआईआर (FIRs for Electricity Theft) दर्ज की गई है. इस अपराध की गंभीरता को देखते हुए, विभाग ने चोरी रोकने के लिए और भी कड़े उपाय करने शुरू कर दिए हैं.
जुर्माने और कानूनी कार्रवाई
बिजली चोरी पर रोकथाम के लिए विभाग ने दोषियों पर भारी जुर्माने लगाए हैं. जनवरी महीने में अकेले 489 व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और कुल 95 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया (Enforcement Measures against Theft). इससे बिजली चोरी करने वाले व्यक्तियों में डर पैदा हुआ है.
बिजली खपत में गिरावट के पीछे छिपे रहस्य
विभागीय नज़र में आया है कि बिहार में कई उपभोक्ताओं का बिजली खपत आंकड़ा शून्य है, जिससे उनके बिजली बिल भी शून्य आ रहे हैं (Zero Consumption Monitoring). ऐसे उपभोक्ताओं पर विशेष नज़र रखी जा रही है और विभाग द्वारा छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में मीटर बाइपास करते हुए लोग पकड़े गए हैं.
आगे की कार्रवाई और नियोजन
विभाग ने आगे चलकर बिजली चोरी को और अधिक प्रभावी ढंग से रोकने के लिए नई रणनीतियाँ तैयार की हैं (Strategies to Combat Electricity Theft). इसमें व्यापक निगरानी, नई तकनीकी सहायता और जनजागरूकता अभियान शामिल हैं, जिससे भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को कम किया जा सके.