Bijli Vibhag Action Mode: जिले में 1.64 लाख से अधिक ऐसे उपभोक्ता हैं, जिन्होंने महीनों से अपना बिजली का बिल जमा नहीं किया है। इन पर कुल 363.95 लाख रुपये का बकाया है, जिसे वसूलना अब विधुत विभाग के लिए प्राथमिकता बन चुका है। एक मुश्त समाधान योजना (ओटीएस) की समाप्ति के बाद, ऐसे उपभोक्ताओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की तैयारी जारी है।
ओटीएस योजना का प्रभाव और उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया
प्रदेश सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने के उद्देश्य से 15 दिसंबर 2024 से 28 फरवरी 2025 तक तीन चरणों में एक मुश्त समाधान योजना की घोषणा की थी। इस योजना में उपभोक्ताओं को सरचार्ज में छूट दी गई थी, जिसका लाभ उठाने के लिए उन्हें अपने मूल बकाया बिल का 30 प्रतिशत राशि 30 सितंबर तक जमा करनी थी। हालांकि, विधुत विभाग द्वारा आयोजित शिविरों के बावजूद कई उपभोक्ताओं ने इसमें रुचि नहीं दिखाई, जिससे बकाया राशि की वसूली में चुनौती बढ़ गई है।
कार्रवाई की तैयारी और आगामी योजना
होली के बाद विधुत विभाग ने ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया है। इस दिशा में, 10 हजार रुपये से अधिक के बिल बकाएदारों के कनेक्शन काटे जाएंगे और यदि फिर भी बिल जमा नहीं किया जाता है तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। इससे विभाग को बकाया राशि वसूलने में मदद मिलेगी और साथ ही साथ उपभोक्ताओं में जागरूकता आएगी।
बिजली आपूर्ति और सुरक्षा में सुधार की आवश्यकता
लखीमपुर जिले में बिजली आपूर्ति की वास्तविक स्थिति काफी चिंताजनक है। मुख्य सड़कों और गलियों में जर्जर खंभे और झूलते तार एक बड़े हादसे का संकेत दे रहे हैं। नगर पंचायत निघासन के अधिकारियों ने इस समस्या की पहचान की है और खंभों को बदलने का काम जारी है, लेकिन अब तक यह कार्य निर्धारित गति से नहीं हो पाया है। इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द होना चाहिए, ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।