Wheat MSP Hike: भारत में चावल के बाद गेहूं की खेती सबसे अधिक होती है. गेहूं एक प्रमुख खाद्यान्न है जो मार्च और अप्रैल के महीनों में पककर तैयार होता है. इस समयावधि में गेहूं की फसल की कटाई की जाती है और यह भारतीय खाद्य सुरक्षा का एक अहम हिस्सा है.
केंद्र और राज्य सरकारों की पहल
गेहूं किसानों को सहायता देने के लिए केंद्र सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा हर साल गेहूं की खरीद में इजाफा किया जाता है. इस बढ़ोतरी का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य देना और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है.
गेहूं के एमएसपी में बढ़ोतरी
हाल ही में, सरकार ने गेहूं के मिनिमम सपोर्ट प्राइस (एमएसपी) में बंपर बढ़ोतरी की घोषणा की है, जिससे किसानों को एक बड़ी राहत मिली है. इस बढ़ोतरी से किसानों को उनकी उपज के लिए बेहतर कीमत मिलने की उम्मीद है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.
उत्तर भारत में गेहूं की खरीद
हरियाणा, जो कि उत्तर भारत में गेहूं का एक प्रमुख उत्पादक राज्य है, में 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हो गई है. इस वर्ष, हरियाणा सरकार ने गेहूं की एमएसपी को 2425 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ा दिया है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 150 रुपये अधिक है.
मंडी में गेहूं के दाम में कमी
राज्य भर के मंडियों में गेहूं की कीमतें गिर रही हैं क्योंकि किसान फसल के पैसे जल्दी लेने के लिए निजी आढ़तियों को भी बेच रहे हैं. इसके अलावा, बढ़ती आवक के कारण भी मंडी में गेहूं के दाम में कमी आई है.
गेहूं की बंपर पैदावार
इस वर्ष गुरुग्राम जिले में गेहूं की पैदावार में भारी बढ़ोतरी हुई है. पिछले वर्ष की तुलना में, इस वर्ष गेहूं की पैदावार लगभग चार गुना अधिक अनुमानित की गई है, जो कि बढ़ी हुई बारिश और अनुकूल मौसमी हालात का परिणाम है.
मेरी फसल मेरा बोरा
हरियाणा सरकार ने ‘मेरी फसल मेरा बोरा’ योजना के तहत किसानों को उनके उत्पादन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए पंजीकरण की अनिवार्यता लागू की है. इससे किसानों को सीधे उनकी उपज का सही मूल्य मिल सकेगा.