8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है. इस आयोग की सिफारिशें 2026 से लागू होंगी. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद इसकी घोषणा की. सरकार का यह कदम लगभग 68 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 52 लाख पेंशनभोगियों के जीवनस्तर को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
सैलरी पर होगा बड़ा असर
8वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा इजाफा होगा. वेतन संरचना के लिए 1.92 फिटमेंट फैक्टर का उपयोग किया जाएगा.
- लेवल-1 के कर्मचारी: जिनकी वर्तमान बेसिक सैलरी ₹18,000 है. उसे बढ़ाकर ₹34,560 किया जा सकता है.
- कैबिनेट सचिव स्तर के अधिकारी: जिनकी बेसिक सैलरी ₹2.5 लाख है. उसे बढ़ाकर ₹4.8 लाख तक किया जा सकता है.
यह फिटमेंट फैक्टर कर्मचारियों की सैलरी को दोगुना करने में मदद करेगा. जिससे कर्मचारियों की क्रय क्षमता बढ़ेगी और उनका जीवन स्तर बेहतर होगा.
वेतन आयोग की सिफारिशें कैसे लागू होती हैं?
केंद्र सरकार
- कैबिनेट समीक्षा और स्वीकृति: वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए कैबिनेट द्वारा समीक्षा और मंजूरी दी जाती है.
- चरणबद्ध कार्यान्वयन: सिफारिशों को आमतौर पर चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाता है.
राज्य सरकार
- राज्यों का स्वायत्त निर्णय: राज्य सरकारें अपने वित्तीय हालात के अनुसार सिफारिशें लागू करने के लिए स्वतंत्र होती हैं.
- संशोधन का विकल्प: राज्य अपनी आवश्यकता और बजट के अनुसार सिफारिशों में संशोधन कर सकते हैं.
बकाया भुगतान
अक्सर सिफारिशों को पिछली तारीख से लागू किया जाता है, जिससे कर्मचारियों को बकाया राशि का भुगतान किया जाता है.
हरियाणा के कर्मचारियों के लिए राहत
8वें वेतन आयोग के तहत हरियाणा सरकार के कर्मचारियों को 6500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है. इससे राज्य के कर्मचारियों को भी बड़ा लाभ मिलेगा.
वेतन आयोग का इतिहास और उद्देश्य
भारत में वेतन आयोग का गठन केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन संरचना में सुधार के लिए किया जाता है. पहला वेतन आयोग 1946 में बनाया गया था.
उद्देश्य
- कर्मचारियों की क्रय शक्ति को बढ़ाना.
- महंगाई और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए वेतन संरचना में सुधार करना.
- सरकारी सेवा को और अधिक आकर्षक बनाना.
8वें वेतन आयोग के फायदे
- वेतन में वृद्धि: कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में दोगुना तक बढ़ोतरी होगी.
- पेंशनभोगियों को लाभ: पेंशनधारकों की पेंशन में भी वृद्धि होगी.
- महंगाई से राहत: बढ़ी हुई सैलरी महंगाई का मुकाबला करने में मदद करेगी.
- अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव: अधिक सैलरी से खपत और बचत दोनों में वृद्धि होगी, जिससे अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा.
आर्थिक प्रभाव
8वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से केंद्र सरकार पर भारी वित्तीय बोझ पड़ेगा.
- वार्षिक वित्तीय प्रभाव: ₹1.5 लाख करोड़ से अधिक.
- राज्यों पर भी इसका असर होगा. विशेष रूप से उन राज्यों पर जो केंद्र की सिफारिशों को अपनाने की योजना बना रहे हैं.
हालांकि सरकार को उम्मीद है कि इससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और कर्मचारियों की उत्पादकता बढ़ेगी.
कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
8वें वेतन आयोग की मंजूरी से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच खुशी की लहर है. कर्मचारियों का कहना है कि वेतन में यह बढ़ोतरी लंबे समय से अपेक्षित थी.
2026 से लागू होगा नया वेतन आयोग
8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2026 से लागू की जाएंगी. इसका मतलब है कि आने वाले तीन सालों में कर्मचारी बेहतर वेतन संरचना का लाभ उठाने के लिए तैयार हो सकते हैं.
सरकार के लिए चुनौती
हालांकि वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करना सरकार के लिए आसान नहीं होगा. बढ़ते वित्तीय बोझ के बीच संतुलन बनाना एक बड़ी चुनौती होगी.