Indias Longest Train: भारतीय रेलवे को देश की लाइफलाइन कहा जाता है. हर दिन लाखों लोग ट्रेन से सफर करते हैं और हजारों मालगाड़ियां आवश्यक सामान भारत के हर कोने तक पहुंचाती हैं. रेलवे न सिर्फ लोगों को जोड़ने का काम करता है. बल्कि आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
कौन सी है भारत की सबसे लंबी ट्रेन?
जब बात भारत की सबसे लंबी ट्रेन की होती है, तो ज्यादातर लोग इसके बारे में नहीं जानते. भारत की सबसे लंबी ट्रेन का नाम है सुपर वासुकी, जिसकी लंबाई इतनी ज्यादा है कि इसे देखकर हर कोई आश्चर्यचकित हो जाता है. इस ट्रेन की कुल लंबाई 3.5 किलोमीटर है, जो इसे भारतीय रेलवे की सबसे खास ट्रेन बनाती है.
सुपर वासुकी की कुल लंबाई
सुपर वासुकी ट्रेन की कुल लंबाई 3.5 किलोमीटर है. यह लंबाई इतनी है कि ट्रेन को एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचने में लगभग 1 घंटे का समय लग सकता है. इसकी विशालता न सिर्फ भारतीय रेलवे की तकनीकी क्षमता को दिखाती है. बल्कि यह दुनिया की सबसे लंबी ट्रेनों में से एक है.
डिब्बों और इंजनों का विशाल संयोजन
सुपर वासुकी ट्रेन में 6 इंजन और 295 डिब्बे लगे होते हैं. इतने ज्यादा डिब्बे और इंजन इसे भारतीय रेलवे की सबसे अनोखी और प्रभावशाली ट्रेन बनाते हैं. इसे विशेष रूप से भारी मात्रा में माल ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है.
75वें स्वतंत्रता दिवस पर हुई शुरुआत
सुपर वासुकी ट्रेन को पहली बार भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर चलाया गया था. इस ट्रेन ने भारतीय रेलवे की ताकत और क्षमता को दर्शाने का काम किया. यह ट्रेन केवल माल ढुलाई के लिए बनाई गई है और इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर कोयले का परिवहन करने के लिए किया जाता है.
सुपर वासुकी भारत की सबसे लंबी मालगाड़ी
सुपर वासुकी न सिर्फ भारत की सबसे लंबी ट्रेन है, बल्कि यह भारतीय रेलवे की सबसे लंबी मालगाड़ी भी है. इसका उपयोग भारी मात्रा में माल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए किया जाता है. इसकी विशाल क्षमता इसे अन्य मालगाड़ियों से अलग बनाती है.
कहां से कहां तक चलती है सुपर वासुकी?
सुपर वासुकी ट्रेन छत्तीसगढ़ के कोरबा से महाराष्ट्र के राजनंदगांव तक कोयले का परिवहन करती है. यह ट्रेन 11 घंटे 20 मिनट की यात्रा में हजारों टन कोयला लेकर गंतव्य तक पहुंचती है. कोयले का यह परिवहन देश के बिजली उत्पादन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.
स्टेशन क्रॉस करने में कितना समय लगता है?
इस ट्रेन की विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि किसी स्टेशन को पार करने में इसे लगभग 4.5 मिनट का समय लगता है. यह समय एक सामान्य ट्रेन की तुलना में काफी ज्यादा है और इसकी लंबाई का स्पष्ट प्रमाण है.
9,000 टन कोयले की ढुलाई
सुपर वासुकी ट्रेन एक बार में 9,000 टन कोयला ले जा सकती है. यह मात्रा इतनी ज्यादा है कि यह 3000 मेगावाट क्षमता वाले बिजली संयंत्र की एक दिन की जरूरत को पूरा कर सकती है. यह ट्रेन भारतीय रेलवे की ढुलाई क्षमता और औद्योगिक योगदान का एक प्रतीक है.
कैसे बनी सुपर वासुकी?
सुपर वासुकी को पांच अलग-अलग मालगाड़ियों के रेक को जोड़कर बनाया गया है. यह सामान्य मालगाड़ियों की तुलना में तीन गुना अधिक माल ले जाने की क्षमता रखती है. इसे विशेष रूप से डिजाइन किया गया है ताकि कोयले की ढुलाई को और अधिक कुशल बनाया जा सके.