Noida Expressway: भारत सरकार द्वारा देश के विकास के लिए निरंतर हाईवे और एक्सप्रेसवे का निर्माण जारी है. नोएडा एक्सप्रेसवे, जो नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली, और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ता है, अब ‘ब्रेकडाउन चालान’ एरिया के रूप में घोषित किया गया है. इस नए नियम के तहत, यदि वाहन खराब होने के कारण ट्रैफिक जाम पैदा होता है, तो वाहन मालिक पर भारी जुर्माना लगेगा.
ब्रेकडाउन जुर्माना की आवश्यकता क्यों?
नोएडा एक्सप्रेस-वे पर प्रतिदिन भारी मात्रा में यातायात देखने को मिलता है. वाहनों के अक्सर खराब होने से न केवल लंबे ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती है, बल्कि यह यात्रा के समय को भी प्रभावित करता है. इसलिए, ट्रैफिक पुलिस ने एक्सप्रेस-वे को ‘ब्रेकडाउन चालान’ क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया है, ताकि वाहन मालिकों को अपने वाहनों की उचित देखभाल और रख-रखाव के लिए प्रेरित किया जा सके.
जुर्माने की राशि और नियम
एक्सप्रेसवे पर खराब होने वाले वाहनों के लिए जुर्माना 5,000 रुपए से लेकर 20,000 रुपए तक हो सकता है. यह जुर्माना मोटर वाहन अधिनियम की धारा 201 के तहत लगाया जाता है. इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य एक्सप्रेसवे पर यातायात की सुचारू गति सुनिश्चित करना और दुर्घटनाओं को कम करना है.
वाहनों की जब्ती और क्रेन सेवाएं
डीसीपी (ट्रैफिक) लाखन सिंह यादव के अनुसार, एक्सप्रेसवे पर खराब होने वाली गाड़ियों को तुरंत हटाने के लिए क्रेन की सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं. यदि कोई वाहन खराब होता है, तो क्रेन लगभग 10 मिनट में घटनास्थल पर पहुंच जाती है और वाहन को सड़क से हटा दिया जाता है. इससे ट्रैफिक में बाधा नहीं पड़ती और जाम की स्थिति से बचा जा सकता है.
इस नए नियम के कार्यान्वयन से नोएडा एक्सप्रेसवे पर यातायात की गति और सुरक्षा में सुधार होने की उम्मीद है. इससे न केवल दैनिक यात्रियों का समय बचेगा, बल्कि दुर्घटना के जोखिम में भी कमी आएगी. इस प्रकार, यह नई पहल नोएडा और आसपास के क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी, जिससे वहां के निवासियों और यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान होगा.