Indian Railway Track: यदि आपने कभी ट्रेन से यात्रा की है तो आपने निश्चित ही रेलवे ट्रैक को गौर से देखा होगा. विशेष रूप से बांग्लादेश में रेलवे ट्रैक पर एक अनूठी व्यवस्था देखने को मिलती है जहां तीन पटरियां होती हैं. इस अनोखी प्रणाली को समझने के लिए, हमें उसके ड्यूल गेज तकनीक के बारे में जानना होगा.
ड्यूल गेज तकनीक का विकास
बांग्लादेश में पहले मुख्यतः मीटर गेज (meter gauge) का उपयोग होता था, जिसका कारण वित्तीय संसाधनों की कमी थी. लेकिन समय के साथ, देश ने ड्यूल गेज टेक्नोलॉजी को अपनाया, जिससे वहां की रेल प्रणाली में काफी सुधार हुआ. इस तकनीक (dual gauge technology) के अंतर्गत, एक ही ट्रैक पर दो अलग-अलग गेज की ट्रेनें चलाई जा सकती हैं, जो कि एक क्रांतिकारी कदम था.
मिक्स्ड गेज की प्रभावशीलता
बांग्लादेश में इस्तेमाल की जा रही ड्यूल गेज तकनीक में ब्रॉड और मीटर गेज (broad and meter gauge) का समावेश होता है. इससे एक ही ट्रैक पर विभिन्न प्रकार की रेलगाड़ियां चलने में सक्षम होती हैं, जिससे लागत में कमी और संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित होता है.
ट्रैक पर मिक्स्ड गेज का उपयोग
इस तकनीक के अधीन, बांग्लादेश के रेलवे ट्रैक पर एक साझा पटरी (common track) होती है, जो मीटर और ब्रॉड गेज दोनों प्रकार की ट्रेनों को दौड़ाने में सक्षम होती है. इससे दोनों प्रकार की गाड़ियों को एक ही ट्रैक पर बिना किसी बाधा के संचालित किया जा सकता है, जो कि दक्षता और सुविधा में बढ़ोतरी करता है.