Ethanol Plant in Punjab: केंद्र सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए 15 लाख टन धान का इस्तेमाल इथनॉल बनाने के लिए मंजूरी दी है। यह निर्णय पंजाब के लिए विशेष रूप से राहत भरा साबित हो रहा है, क्योंकि प्रदेश में धान की मिलिंग की गति काफी धीमी है। इसके अलावा, गोदामों में धान का अधिक स्टॉक जमा होने की समस्या से भी निजात मिलेगी।
धान की मिलिंग में आ रही समस्याएं
धान की मिलिंग में आने वाली समस्याएं और बढ़ती गर्मी के कारण धान में नमी की कमी और वजन में गिरावट जैसे मुद्दे शैलर मालिकों के लिए चिंता का विषय हैं। गर्मी के मौसम में धान की मिलिंग और भी कठिन हो जाती है, जिससे शैलर मालिकों पर अतिरिक्त दबाव बढ़ जाता है।
इथनॉल उत्पादन एक संभावित समाधान
केंद्र सरकार द्वारा इथनॉल उत्पादन के लिए 15 लाख टन धान की मंजूरी देने से पंजाब में शैलर मालिकों के लिए नई संभावनाएं खुली हैं। इससे न केवल अतिरिक्त धान का उचित उपयोग होगा, बल्कि यह राज्य के धान उत्पादकों के लिए भी एक बड़ी राहत साबित होगी।
अन्य राज्यों को धान का निर्यात और इसके प्रभाव
हाल ही में गोदामों से 15 लाख टन धान अन्य राज्यों को भेजे जाने से भी जगह खाली हुई है। इससे आगे चलकर 3.7-3.8 मिलियन टन धान के निपटान में मदद मिलेगी, जिससे गोदामों में अधिक जगह उपलब्ध होगी।
शैलर मालिकों की चिंता
पंजाब राइस मिलर्स एसोसिएशन के अनुसार, अभी तक केवल 40 प्रतिशत धान की मिलिंग हुई है और शेष 60 प्रतिशत धान अभी भी शैलरों में है। शैलर मालिकों को चिंता है कि गर्मी बढ़ने के साथ मिलिंग की प्रक्रिया और भी कठिन हो जाएगी, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।