Education Policy: प्रदेश का शिक्षा विभाग नई शिक्षा नीति को लागू करने की दिशा में तैयार है, जिसका उद्देश्य शिक्षा के स्तर में सुधार और नवाचार को बढ़ावा देना है. हालांकि, इस उत्साहजनक घोषणा के विपरीत प्रदेश में 28 स्कूल ऐसे हैं जहां एक भी छात्र नहीं है. इस स्थिति ने शिक्षा विभाग के काम पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है.
मुख्यमंत्री कार्यालय का कठोर कदम
मुख्यमंत्री कार्यालय ने इन शून्य छात्र संख्या वाले स्कूलों पर गंभीरता से ध्यान दिया है. राज्य के 12 जिलों में फैले इन 28 स्कूलों की स्थिति की जांच के लिए वीडियोग्राफी सहित विस्तृत रिपोर्ट (video documentation) की मांग की गई है. इस पहल से शिक्षा विभाग की नीतियों और उनके क्रियान्वयन की प्रक्रिया की समीक्षा की जा सकेगी.
शिक्षा विभाग की बैठक और निर्देश
31 जनवरी को हुई शिक्षा विभाग की बैठक में मुख्यमंत्री ने नई शिक्षा नीति के तहत प्रस्तावित सुधारों पर चर्चा की. बैठक में, शिक्षा के ढांचे में सुधार और ड्राप आउट बच्चों को फिर से स्कूलों में लाने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए गए .
शिक्षा विभाग की कार्रवाई और रिपोर्ट
शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री की फटकार के बाद हरकत में आते हुए 12 जिलों में स्थित 28 स्कूलों की सूची जारी की. इन स्कूलों में कार्यरत 19 जेबीटी शिक्षकों की वर्तमान कार्य स्थिति के साथ-साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर की जानकारी मांगी गई है .
कुरुक्षेत्र के स्कूलों में शून्य छात्र
विशेष तौर पर, कुरुक्षेत्र जिले के 5 स्कूलों में छात्रों की संख्या शून्य है. इस स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है, और मुख्यमंत्री ने इन स्कूलों के संदर्भ में विशेष जानकारी और कार्रवाई की मांग की है .
इस प्रकार, शिक्षा विभाग नई शिक्षा नीति के साथ-साथ मौजूदा स्कूली ढांचे में सुधार की ओर अग्रसर है, लेकिन साथ ही साथ उन्हें इन खाली स्कूलों की समस्या का समाधान करने की भी चुनौती है.