प्राइमरी स्कूलों में 5 तो मिडल स्कूलों के होंगे 9 टीचर्स, शिक्षा विभाग ने किया ये काम Education Departmen

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Education Departmen: बिहार में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा विभाग ने नए मानक तय किए हैं। अब प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय (कक्षा 1 से 5) में प्रधान शिक्षक समेत कम से कम पांच शिक्षक होने अनिवार्य होंगे। वहीं, कक्षा 1 से 8 तक के विद्यालयों में प्रधानाध्यापक समेत न्यूनतम नौ शिक्षक रखे जाएंगे।

यह कदम राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और शिक्षकों की उचित नियुक्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEO) को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने जिले के विद्यालयों में स्वीकृत शिक्षकों की संख्या और आवश्यक शिक्षकों की रिपोर्ट ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर 31 जनवरी 2025 तक अपलोड करें।

प्रत्येक शिक्षक के लिए एक वर्ग कक्ष अनिवार्य

शिक्षकों की वास्तविक आवश्यकता का आकलन विद्यालयों में उपलब्ध कक्षाओं की संख्या के आधार पर किया जाएगा। विभाग ने स्पष्ट किया है कि हर शिक्षक के लिए कम से कम एक वर्ग कक्ष (क्लासरूम) होना चाहिए। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि विद्यार्थियों को उचित वातावरण में पढ़ाई का अवसर मिले और शिक्षकों को भी पढ़ाने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हों। यदि किसी विद्यालय में कक्षाओं की कमी पाई जाती है तो उसके समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

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विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति

बिहार सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों (कक्षा 1 से 5) में शिक्षकों की संख्या को विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर तय करने का निर्णय लिया है। इसके तहत:

  • 1 से 120 विद्यार्थियों तक – 5 शिक्षक
  • 121 से 150 विद्यार्थी – 6 शिक्षक
  • 150 से अधिक विद्यार्थियों पर – प्रत्येक 40 अतिरिक्त विद्यार्थियों के लिए 1 अतिरिक्त शिक्षक नियुक्त किया जाएगा।

इस व्यवस्था से यह सुनिश्चित होगा कि किसी भी विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध हों।

माध्यमिक विद्यालयों (कक्षा 6 से 8) में शिक्षकों की नियुक्ति

माध्यमिक विद्यालयों (कक्षा 6 से 8) के लिए भी शिक्षकों की संख्या विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर तय की गई है। इसके अनुसार:

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  • 105 विद्यार्थियों तक
  • 1 विज्ञान एवं गणित शिक्षक
  • 1 सामाजिक अध्ययन शिक्षक
  • 1 हिंदी शिक्षक
  • 1 अंग्रेजी शिक्षक
  • 105 से अधिक विद्यार्थियों के लिए – प्रत्येक 35 अतिरिक्त विद्यार्थियों पर 1 अतिरिक्त शिक्षक नियुक्त किया जाएगा।

इसके अलावा आवश्यकता के अनुसार उर्दू और संस्कृत के शिक्षकों की भी नियुक्ति की जा सकती है।

शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने की पहल

इस नए मानक के लागू होने से राज्य के स्कूलों में शिक्षकों की संख्या में संतुलन बनाया जा सकेगा और विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी। बिहार में कई विद्यालय ऐसे हैं जहां छात्रों की संख्या अधिक है। लेकिन शिक्षकों की संख्या कम होने के कारण शिक्षा प्रभावित होती है।

नई व्यवस्था से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर विद्यालय में पर्याप्त संख्या में शिक्षक मौजूद हों और सभी विषयों के लिए विशेषज्ञ शिक्षक उपलब्ध हों। इससे छात्रों को बेहतर शिक्षा मिलने के साथ-साथ परीक्षा परिणामों में भी सुधार होगा।

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शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए उठाए जाएंगे कदम**

बिहार सरकार ने शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर भी कुछ अहम फैसले लिए हैं। यदि किसी विद्यालय में आवश्यकतानुसार शिक्षक नहीं हैं, तो उनकी भर्ती जल्द से जल्द की जाएगी। इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया को तेज करने और शिक्षकों की ट्रेनिंग पर जोर देने की योजना बनाई जा रही है। राज्य सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के विद्यालयों में शिक्षकों की उपलब्धता समान रूप से बनी रहे। कई बार देखा गया है कि ग्रामीण इलाकों में शिक्षकों की संख्या कम होती है, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होती है।

शिक्षकों की जिम्मेदारियां और नई चुनौतियां**

शिक्षकों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ उनकी जिम्मेदारियों को भी स्पष्ट किया गया है। सभी शिक्षकों को न केवल शिक्षण कार्य में सुधार करना होगा, बल्कि स्कूल के प्रशासनिक कार्यों में भी योगदान देना होगा। इसके अलावा सरकार ने यह भी तय किया है कि शिक्षकों को नियमित रूप से प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे नए शिक्षण तरीकों को सीख सकें और आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके बच्चों को पढ़ा सकें।

विद्यालयों में संसाधनों की स्थिति भी होगी बेहतर**

सरकार सिर्फ शिक्षकों की संख्या बढ़ाने पर ही ध्यान नहीं दे रही, बल्कि विद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं को भी मजबूत करने का प्रयास कर रही है।

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  • प्रत्येक विद्यालय में पर्याप्त क्लासरूम, पुस्तकालय और विज्ञान प्रयोगशाला उपलब्ध कराई जाएगी।
  • स्मार्ट क्लासरूम के माध्यम से डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • विद्यार्थियों के लिए खेल-कूद और अन्य सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों की व्यवस्था की जाएगी ताकि उनका समग्र विकास हो सके।

ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर होगी पूरी जानकारी**

सरकार ने शिक्षकों की उपलब्धता और आवश्यकता को ट्रैक करने के लिए ई-शिक्षाकोष पोर्टल विकसित किया है। इस पोर्टल पर सभी विद्यालयों की जानकारी अपडेट की जाएगी।

इस पोर्टल की मदद से

  • पारदर्शिता बनी रहेगी और सभी विद्यालयों में समान रूप से शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित होगी।
  • स्कूलों में शिक्षकों की वास्तविक स्थिति की निगरानी होगी।
  • जिलों को जरूरत के अनुसार शिक्षकों की भर्ती में मदद मिलेगी।

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