Dwarka Expressway Toll Plaza: जितना मजेदार एक्सप्रेसवे और हाईवे पर सफर करना होता है. उतनी ही परेशानी टोल प्लाजा पर होती है. यहां पर गाड़ियों की लंबी कतारें देखना आम बात हो गई है. कई बार फास्टैग सिस्टम के बावजूद भी घंटों तक इंतजार करना पड़ता है. हालांकि कुछ दिनों पहले यह इंतजार कम होने की उम्मीद दिखी थी. लेकिन तकनीकी खामियां और बैरिकेट्स की वजह से परेशानी कम नहीं हो रही थी. लेकिन अब एक ऐसा एक्सप्रेसवे तैयार हो रहा है, जो टोल प्लाजा से पूरी तरह मुक्त होगा. जी हां द्वारका एक्सप्रेसवे देश का पहला और एकलौता एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है, जिसपर कोई टोल प्लाजा (Dwarka Expressway Toll Plaza) नहीं होगा.
द्वारका एक्सप्रेसवे का नया सिस्टम
द्वारका एक्सप्रेसवे देश का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे होगा, जो फिजिकल टोल प्लाजा से मुक्त होगा. इसे फ्री फ्लो टोलिंग (Free Flow Tolling) सिस्टम के तहत (Dwarka Expressway Toll Plaza) चलाया जाएगा. इस प्रणाली के लागू होते ही इस एक्सप्रेसवे पर अब कोई भी टोल प्लाजा नहीं होगा. अगले कुछ महीनों में यह सिस्टम पूरी तरह से लागू हो जाएगा और इस एक्सप्रेसवे का एकमात्र टोल प्लाजा भी हटा दिया जाएगा. इस व्यवस्था के तहत अब आपको कहीं भी रुककर टोल नहीं (Dwarka Expressway Toll Plaza) देना पड़ेगा और आपका सफर बिना किसी रुकावट के जारी रहेगा.
क्या है फ्री फ्लो टोलिंग सिस्टम?
फ्री फ्लो टोलिंग सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें टोल लेने के लिए किसी भी प्रकार के रुकावट का सामना नहीं करना पड़ेगा. इस सिस्टम के तहत गाड़ियों को टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होगी. इसके बजाय एक्सप्रेसवे पर अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा. जिससे गाड़ी की जानकारी और टोल भुगतान स्वचालित रूप से हो जाएगा.
100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सफर
द्वारका एक्सप्रेसवे पर सफर करना अब और भी सुविधाजनक हो जाएगा. क्योंकि इस एक्सप्रेसवे पर कोई टोल प्लाजा नहीं होगा. इसलिए आप बिना रुके 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा कर सकेंगे. इससे न केवल यात्रा का समय घटेगा. बल्कि यात्री बिना किसी रुकावट के अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे. इस रफ्तार से सफर करने का आनंद ही कुछ और होगा.
कैसे कटेगा टोल?
अब यह सवाल उठता है कि टोल कैसे लिया जाएगा. जबकि कोई टोल प्लाजा नहीं होगा. इसका उत्तर है – एडवांस्ड रीडर और हाई-पावर कैमरे. फास्टैग का उपयोग जारी रहेगा. लेकिन यह सिस्टम और भी स्मार्ट हो जाएगा. गाड़ियों के नंबर प्लेट को पढ़ने के लिए उच्च क्षमता वाले कैमरे और ओवरहेड गैन्ट्री का उपयोग किया जाएगा. इन कैमरों के माध्यम से जैसे ही गाड़ी का नंबर स्कैन होगा. टोल का भुगतान फास्टैग या अन्य इलेक्ट्रॉनिक भुगतान सिस्टम से स्वतः हो जाएगा.
मल्टी-लेन फ्री फ्लो टोल सिस्टम
द्वारका एक्सप्रेसवे पर यह मल्टी-लेन फ्री फ्लो टोल सिस्टम (MLFF) लागू किया जाएगा. इस सिस्टम में विभिन्न लेन पर वाहनों की गति और टोल वसूली की प्रक्रिया समान रूप से काम करेगी. मतलब यह है कि हर लेन पर वाहन अपनी गति बनाए रखते हुए बिना रुके अपना टोल भुगतान कर सकेगा. इस तकनीक के जरिए यात्रा और भी तेज और सुविधाजनक हो जाएगी.
सैटेलाइट आधारित टोलिंग
NHAI (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने इस सिस्टम को लागू करने के लिए सैटेलाइट आधारित टोलिंग सिस्टम को चुना है. इस प्रणाली के तहत टोल वसूली के लिए कोई कर्मी मौजूद नहीं होंगे. इसके बजाय सैटेलाइट और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के माध्यम से डेटा कलेक्ट किया जाएगा और गाड़ी का टोल फास्टैग या अन्य इलेक्ट्रॉनिक खाते से कट जाएगा. यह एक पूरी तरह से ऑटोमेटेड सिस्टम होगा, जो बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के काम करेगा.
टोल कटने की प्रक्रिया
जब आपकी गाड़ी द्वारका एक्सप्रेसवे पर चलेगी, तो उसके ऊपर लगे सेंसर और कैमरों की मदद से गाड़ी की जानकारी स्वचालित रूप से रिकॉर्ड होगी. इस डेटा को एक इलेक्ट्रॉनिक टोल भुगतान प्रणाली के माध्यम से आपके फास्टैग या अन्य अकाउंट से कनेक्ट कर लिया जाएगा. जैसे ही आपकी गाड़ी गुजरती है, तुरंत ही आपका टोल कट जाएगा.
अब टोल प्लाजा से मुक्ति
यह एक्सप्रेसवे न केवल गाड़ियों को बिना रुके यात्रा करने का मौका देगा, बल्कि इसमें कोई बैरिकेट्स या टोल प्लाजा भी नहीं होंगे. इस सिस्टम का मुख्य उद्देश्य यह है कि यात्री बिना किसी रुकावट के अपनी मंजिल तक पहुंचें और सफर का पूरा आनंद लें.
द्वारका एक्सप्रेसवे की लंबाई और महत्व
यह एक्सप्रेसवे कुल 28 किलोमीटर लंबा होगा, जो दिल्ली के द्वारका से गुरुग्राम के नजदीकी इलाके तक पहुंचेगा. यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-गुरुग्राम के बीच यातायात को बेहद सुविधाजनक बनाएगा. इस सिस्टम के सफलतापूर्वक लागू होने के बाद, इसे देश भर में अन्य एक्सप्रेसवे पर भी लागू करने की योजना है.