इन 4 बैंकों ने अपने इंटरेस्ट रेट्स में की कटौती, लोन लेने वालों को होगा फायदा? Intrest Rates

Intrest Rates: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा हाल ही में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट (bps) की कटौती के बाद देश के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने भी अपनी कर्ज दरें घटा दी हैं. इस फैसले का सीधा फायदा आम उपभोक्ताओं को मिलेगा, जो होम लोन, पर्सनल लोन, कार लोन जैसी जरूरतों के लिए बैंक लोन लेते हैं. ब्याज दरों में कटौती के चलते अब लोगों की EMI पहले से कम हो जाएगी.

क्या होता है रेपो रेट और इसका आपके लोन पर क्या असर होता है ?

रेपो रेट वह दर होती है जिस पर RBI बैंकों को अल्प अवधि ऋण देता है. जब RBI इस दर को घटाता है, तो बैंक भी कम दर पर फंड पाते हैं और इसका फायदा ग्राहकों को मिलता है. यानी बैंक अपने ग्राहकों को सस्ती दरों पर लोन देना शुरू करते हैं. इसी तरह जब रेपो रेट बढ़ती है, तो लोन महंगे हो जाते हैं.

इस बार RBI ने रेपो रेट को 6.25% से घटाकर 6% कर दिया है

इस बार पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB), इंडियन बैंक और बैंक ऑफ इंडिया (BOI) ने अपने रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) में कटौती की है. आइए जानते हैं किस बैंक ने कितना रेट घटाया

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पंजाब नेशनल बैंक (PNB)

PNB ने 10 अप्रैल 2025 से अपनी रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट को 9.1% से घटाकर 8.85% कर दिया है. हालांकि बैंक ने MCLR और बेस रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. इसका फायदा सीधे तौर पर उन ग्राहकों को मिलेगा जिन्होंने रेपो-लिंक्ड लोन लिया है.

बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB)

BOB ने अपनी एक साल की MCLR को घटाकर 9% और ओवरनाइट MCLR को 8.15% कर दिया है. यानी छोटे और मध्यम अवधि के लोन पहले से सस्ते हो जाएंगे. यह बैंक अपने ग्राहकों को MCLR आधारित और रेपो आधारित दोनों तरह के लोन उपलब्ध कराता है.

इंडियन बैंक (IB)

इंडियन बैंक ने 11 अप्रैल 2025 से अपने RLLR को 9.05% से घटाकर 8.70% कर दिया है. यह सभी रेपो आधारित लोन पर लागू होगी. बैंक का कहना है कि अगली समीक्षा तक यह दर प्रभावी रहेगी.

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बैंक ऑफ इंडिया (BOI)

बैंक ऑफ इंडिया ने भी 9 अप्रैल से अपनी रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट को 9.10% से घटाकर 8.85% कर दिया है. यह रेट सभी नए और पहले से चल रहे RLLR आधारित लोन पर लागू होगी.

  • मान लीजिए आपने ₹30 लाख का होम लोन 20 साल के लिए लिया है
  • पहले ब्याज दर 9.1% थी तो EMI होती थी लगभग ₹27,174
  • अब ब्याज दर 8.85% होने के बाद EMI हो गई लगभग ₹26,537
  • यानी हर महीने ₹637 की बचत होगी और कुल 20 साल में ₹1.5 लाख से ज्यादा की बचत हो सकती है
  • यह बचत और भी अधिक हो सकती है यदि लोन की राशि और अवधि ज्यादा हो.

MCLR vs RLLR कौन सा बेहतर विकल्प है ?

MCLR (Marginal Cost of Lending Rate): बैंक अपनी लागत के आधार पर तय करते हैं, हर कुछ महीने में अपडेट होता है.

RLLR (Repo Linked Lending Rate): यह सीधे RBI की रेपो रेट से जुड़ा होता है, इसलिए इसमें बदलाव तेजी से दिखता है.

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अगर आप चाहते हैं कि ब्याज दरों में बदलाव का तुरंत असर आपके लोन पर हो, तो RLLR आधारित लोन लेना आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है.

किन उपभोक्ताओं को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा ?

  • नए होम लोन लेने वाले
  • पहले से RLLR या फ्लोटिंग रेट लोन लिए हुए ग्राहक
  • वे ग्राहक जो अपने लोन को दूसरे बैंक में ट्रांसफर करना चाहते हैं
  • यदि आप MCLR आधारित लोन ले रहे हैं तो आप चाहें तो बैंक से अनुरोध कर RLLR में बदलाव कर सकते हैं.

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