Government Action: बिहार सरकार ने मध्याह्न भोजन योजना में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिसके तहत आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से कार्यरत कर्मचारियों की सेवाएं 31 मार्च 2025 के बाद नहीं ली जाएंगी. इस निर्णय का मुख्य कारण बजट का अभाव बताया गया है.
निर्देशक डॉ. सतीश चंद्र झा का आदेश
शिक्षा विभाग के अंतर्गत मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक, डॉ. सतीश चंद्र झा ने सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को आदेश जारी किया है. उन्होंने बताया कि बजट की कमी (budget constraints) के कारण इस निर्णय को अपनाया गया है. यदि 31 मार्च 2025 के बाद भी किसी आउटसोर्स कर्मचारी की सेवाएं ली जाती हैं, तो इसकी सम्पूर्ण जवाबदेही संबंधित अधिकारी की होगी.
आवश्यक सेवाओं के लिए विशेष अनुमति
डॉ. झा ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी पद पर अधिकारियों या कर्मचारियों की सेवाएं अत्यंत आवश्यक (extremely necessary) हैं, तो उनकी नियुक्ति सक्षम प्राधिकार के आदेशों के अनुसार ही की जाएगी. यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी कार्रवाई नियमानुसार हो.
भविष्य पर छाया संकट
इस आदेश के बाद मध्याह्न भोजन योजना में काम कर रहे कई कर्मचारियों की नौकरी पर संकट (job insecurity) मंडरा रहा है. कई कर्मचारियों को अपनी नौकरी जाने की चिंता सता रही है, और उनके भविष्य पर गहरे प्रश्नचिह्न लग गए हैं. यह स्थिति न केवल कर्मचारियों के लिए बल्कि पूरे शिक्षा सिस्टम के लिए भी एक चुनौती बन गई है.