Haryana Smart City: हरियाणा में शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है. पिछले एक दशक में यहां शहरों में 44% की ग्रोथ दर्ज की गई है. लेकिन इस विकास ने कई चुनौतियां भी खड़ी की हैं जैसे अवैध कॉलोनियों का निर्माण, बुनियादी सुविधाओं की कमी और शहरी क्षेत्र का असमान विस्तार. अब इन समस्याओं का हल निकालने के लिए हरियाणा सरकार ने सेंटर फॉर एक्सीलेंस शुरू करने का निर्णय लिया है.
सेंटर फॉर एक्सीलेंस
हरियाणा के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट ने शहरों के विकास को रिसर्च आधारित बनाने के लिए सेंटर फॉर एक्सीलेंस की स्थापना का निर्णय लिया है.
- प्राइवेट एजेंसी का संचालन: इस सेंटर का संचालन एक प्राइवेट एजेंसी करेगी. जिसमें एक्सपर्ट शामिल होंगे.
- विशेष भवन: सेंटर की अपनी बिल्डिंग होगी, जहां रिसर्च और प्लानिंग का काम होगा.
- बजट: इस प्रोजेक्ट पर कुल ₹525 करोड़ खर्च किए जाएंगे.
जीआईएस मैपिंग से मिलेगा शहरों का डेटा
शहरों की बेहतर प्लानिंग के लिए सेंटर फॉर एक्सीलेंस जीआईएस (GIS) मैपिंग का उपयोग करेगा.
- जनसंख्या घनत्व का विश्लेषण: पता लगाया जाएगा कि किस क्षेत्र में लोग ज्यादा बस रहे हैं.
- बुनियादी सुविधाओं की स्थिति: बिजली, पानी, सड़क, सीवरेज और प्रदूषण की स्थिति का अध्ययन किया जाएगा.
- विकास के नए क्षेत्रों की पहचान: यह देखा जाएगा कि किन इलाकों में शहरीकरण की जरूरत है.
अवैध कॉलोनियों पर लगेगी रोक
हरियाणा में अवैध कॉलोनियों की समस्या बढ़ती जा रही है. कॉलोनाइजर अवैध निर्माण कर रहे हैं. जिससे बुनियादी सुविधाओं पर दबाव बढ़ रहा है.
- सरकारी हस्तक्षेप की जरूरत: छोटे और मध्यम शहरों में प्राइवेट कॉलोनियों का निर्माण हो रहा है. अब सरकारी एजेंसियां इन इलाकों में योजनाबद्ध विकास पर जोर देंगी.
- बुनियादी ढांचे का विकास: सेंटर फॉर एक्सीलेंस की रिपोर्ट के आधार पर बिजली, पानी और सफाई जैसी सुविधाओं को सुधारा जाएगा.
2041 तक शहरीकरण की चुनौतियां
सरकार का अनुमान है कि 2041 तक गुड़गांव की आबादी 40 लाख और फरीदाबाद की आबादी 30 लाख तक पहुंच जाएगी.
- छोटे और मध्यम शहरों का विकास: बड़े शहरों के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए छोटे और मध्यम शहरों का विकास जरूरी है.
- सस्टेनेबल विकास: सेंटर फॉर एक्सीलेंस शहरी विकास को सस्टेनेबल और पर्यावरण के अनुकूल बनाएगा.
नगर निकायों की स्थिति होगी बेहतर
सेंटर फॉर एक्सीलेंस नगर निकायों की कार्यप्रणाली को भी सुधारने पर ध्यान देगा.
- शहरी नीतियां: शहरों के लिए नई नीतियां बनाई जाएंगी, जो लोगों की जरूरतों और भविष्य की योजनाओं के अनुरूप होंगी.
- सरकारी और निजी भागीदारी: सरकारी और निजी क्षेत्र मिलकर शहरों को बेहतर बनाने पर काम करेंगे.
शहरों के विकास में सेंटर की भूमिका
सेंटर फॉर एक्सीलेंस न केवल शहरों की समस्याओं का समाधान करेगा. बल्कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए भी रणनीतियां तैयार करेगा.
- रिपोर्ट और सुझाव: सेंटर शहरों की मौजूदा स्थिति का विश्लेषण कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा.
- शिक्षा और जागरूकता: लोगों को शहरी विकास और पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक किया जाएगा.
शहरी विकास की दिशा में बड़ा कदम
हरियाणा सरकार का यह कदम शहरीकरण की बढ़ती समस्याओं का स्थायी समाधान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है.
- स्थानीय विकास को बढ़ावा: यह पहल स्थानीय स्तर पर रोजगार और निवेश के अवसर पैदा करेगी.
- सर्वसमावेशी विकास: सेंटर की योजनाएं हर वर्ग के लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाई जाएंगी.