इन तीन मंजिला मकानों की नही होगी रजिस्ट्री, हरियाणा के इन शहरों में लागू होगा नया नियम Haryana Housing Policy

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Haryana Housing Policy: हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल समेत सभी शहरों में अब दो से अधिक मंजिला भवनों के लिए स्टिल्ट पार्किंग की व्यवस्था अनिवार्य की जा रही है. नगर और ग्राम नियोजन विभाग ने भवन कोड-2017 में बदलाव करने के लिए सार्वजनिक नोटिस जारी किया है और हितधारकों से 1 फरवरी 2025 तक आपत्तियां व सुझाव मांगे गए हैं.

क्या है नए नियम?

नए प्रस्ताव के अनुसार तीन मंजिला भवनों को स्टिल्ट पार्किंग से छूट दी जाएगी. लेकिन चार मंजिला भवनों में यह अनिवार्य होगा.

  • चार मंजिला भवनों में स्टिल्ट पार्किंग जरूरी होगी. चाहे उसमें अलग-अलग फ्लैट बेचे गए हों या फिर पूरी बिल्डिंग एक ही व्यक्ति के स्वामित्व में हो.
  • अलग-अलग फ्लैट वाले भवनों का पंजीकरण तभी किया जाएगा. जब उसमें स्टिल्ट पार्किंग की व्यवस्था होगी.
  • तीन मंजिला तक के भवन जो केवल व्यक्तिगत उपयोग के लिए हैं. उन्हें इस नियम से छूट दी गई है.

डस्ट पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 500 वर्ग मीटर से बड़े सभी प्लॉट पर निर्माण या तोड़-फोड़ के लिए डस्ट पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य होगा.

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  • पर्यावरण संरक्षण.
  • निर्माण के दौरान उठने वाली धूल और प्रदूषण को नियंत्रित करना.

हाई कोर्ट में मामला पहुंचा

हरियाणा सरकार की स्टिल्ट प्लस चार मंजिला इमारत बनाने की नीति को पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी है.

  • भूकंपीय क्षेत्र-चार में आने वाले पंचकूला और अन्य क्षेत्रों में बिना वैज्ञानिक अध्ययन के इस नीति को लागू करने पर सवाल उठाए गए हैं.
  • याचिका में आरोप है कि एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) बढ़ाने और स्टिल्ट प्लस चार मंजिला इमारत की अनुमति देने का फैसला बिना किसी वैज्ञानिक या इंजीनियरिंग अध्ययन के लिया गया.
  • याचिका पर सुनवाई 22 जनवरी 2025 को होगी.

क्या है स्टिल्ट पार्किंग?

स्टिल्ट पार्किंग एक ऐसी आधुनिक व्यवस्था है। जिसमें पार्किंग स्थल को बिल्डिंग के नीचे स्तंभों (पिलर्स) पर बनाया जाता है.

  • स्थान का अधिकतम उपयोग: शहरी इलाकों में जगह की कमी को देखते हुए यह व्यवस्था बेहद उपयोगी है.
  • पैदल चलने का स्थान: जमीन के स्तर पर खाली जगह रहने से पैदल चलने वालों को अतिरिक्त सुविधा मिलती है.
  • ऊंची इमारतों के लिए अनुकूल: यह विशेष रूप से ऊंची इमारतों में कारों की पार्किंग की समस्या को हल करता है.

स्टिल्ट पार्किंग क्यों जरूरी?

हरियाणा जैसे शहरी क्षेत्रों में जमीन की उपलब्धता सीमित है. ऐसे में स्टिल्ट पार्किंग न केवल जगह बचाने का एक समाधान है। बल्कि यह भीड़भाड़ कम करने में भी मदद करता है.

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  • जमीन के बेहतर उपयोग की संभावना.
  • वाहन सुरक्षा में सुधार.
  • आसपास की सड़कें खाली रहेंगी.
  • पैदल यात्रियों के लिए जगह सुरक्षित.

भविष्य में पार्किंग व्यवस्था का बदलता स्वरूप

हरियाणा सरकार का यह कदम शहरी नियोजन और पार्किंग व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.

  • शहरी क्षेत्रों में भीड़भाड़ कम होगी.
  • वाहन चोरी और पार्किंग विवाद में कमी आएगी.
  • आधुनिक इमारतों की संख्या में वृद्धि होगी.

नागरिकों की राय और आपत्तियां

सरकार ने नए नियमों पर आम जनता से आपत्तियां और सुझाव मांगे हैं.

  • निर्माण लागत: स्टिल्ट पार्किंग से भवन निर्माण की लागत बढ़ सकती है.
  • छोटे प्लॉट: छोटे प्लॉट मालिकों के लिए यह नियम लागू करना मुश्किल हो सकता है.
  • भूकंप क्षेत्र: कुछ क्षेत्रों में भूकंपीय जोखिम को ध्यान में रखते हुए विशेष प्रावधान की मांग की जा रही है.

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