Train Lower Birth Reservation: भारतीय रेलवे में सीट आवंटन की प्रक्रिया हमेशा से यात्रियों की बड़ी चिंता रही है। खासकर लोअर बर्थ के लिए वरीयता कौन-कौन से यात्रियों को दी जाती है, इसको लेकर अक्सर लोग अधिक जानना चाहते हैं। रेल मंत्री ने हाल ही में इस विषय पर प्रकाश डाला है, जिससे कई यात्रियों की उत्सुकता शांत हुई है।
रेलवे द्वारा लोअर बर्थ आवंटन में बदलाव
नई प्रणाली के अनुसार, अब रेलवे ने लोअर बर्थ के लिए प्राथमिकता नीति में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। विशेषकर वे लोग जिन्हें मिडिल या अपर बर्थ पर चढ़ने में कठिनाई होती है, उन्हें लोअर बर्थ देने की प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें बुजुर्ग, महिलाएं और दिव्यांग शामिल हैं।
विशेष यात्रियों के लिए लोअर बर्थ की गारंटी
रेल मंत्री, अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया कि रेलवे विशेष यात्रियों के लिए लोअर बर्थ की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह नियम उन यात्रियों को विशेष राहत प्रदान करेगा, जिन्हें ऊंचाई पर चढ़ने-उतरने में कठिनाई होती है।
लोअर बर्थ के लिए कौन कौन योग्य हैं ?
रेलवे ने निर्धारित किया है कि 45 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं, वरिष्ठ नागरिक, और विकलांग व्यक्तियों को लोअर बर्थ की उपलब्धता में प्रमुखता दी जाएगी। यदि उपलब्धता हो तो इन्हें बिना किसी विशेष चयन के स्वयं ही निचली बर्थ आवंटित की जाती है।
लोअर बर्थ के लिए आरक्षित कोटा
रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया है कि स्लीपर क्लास में प्रत्येक कोच में 6-7 निचली बर्थ, AC कोच में 4-5, और टू AC में 3-4 निचली बर्थ आरक्षित रखी गई हैं। यह व्यवस्था योग्य यात्रियों को समर्पित है, जिससे उनका सफर अधिक सुविधाजनक और आरामदायक बन सके।
संवेदनशीलता के साथ नीति निर्धारण
रेलवे की इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि सरकार विशेष यात्री समूहों के प्रति संवेदनशील है और उनके सफर को यथासंभव आरामदायक बनाने का प्रयास कर रही है। इससे न केवल यात्रियों की संतुष्टि बढ़ेगी, बल्कि रेल सेवा के प्रति उनका विश्वास भी मजबूत होगा।