Murrah Breed: मुर्रा भैंस जो उत्तर भारत के राज्यों में प्रमुखता से पाई जाती है डेयरी उद्योग में अपने विशेष गुणों के कारण जानी जाती है. इसकी पहचान इसके गहरे काले या भूरे रंग और घुमावदार सींगों से होती है.
दुधारू क्षमता और उत्पादन
मुर्रा नस्ल की भैंसों को दुनिया के सबसे अधिक दूध देने वाले पशुओं में गिना जाता है. आमतौर पर यह भैंसें प्रतिदिन 15-20 लीटर दूध देती हैं और यदि उन्हें सही खुराक दी जाए तो यह मात्रा 30 लीटर तक पहुँच सकती है.
दूध की क्वालिटी
मुर्रा भैंस का दूध अपनी ज्यादा फैट सामग्री और बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाना जाता है. इस दूध से निर्मित डेयरी उत्पादों की मांग बाजार में अधिक रहती है, जिससे किसानों को अधिक आर्थिक लाभ होता है.
क्यों है मुर्रा भैंस डेयरी के लिए बेहतर?
मुर्रा भैंस के चयन का मुख्य कारण इसकी ज्यादा दुधारू क्षमता और दूध की हाई क्वालिटी है. इसके अलावा इस नस्ल की भैंस कम रख-रखाव में भी खास होती है जो इसे भारतीय डेयरी किसानों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाती है