Meerut Inner Ring Road: उत्तर प्रदेश का प्रमुख शहर मेरठ अब तेज़ी से हाईवे नेटवर्क के विस्तार की ओर बढ़ रहा है. शहर में जाम की समस्या को हल करने और सुगम यातायात सुविधा देने के लिए हाईवे का जाल बिछाया जा रहा है. आने वाले समय में मेरठ की कनेक्टिविटी और मजबूत होगी. जिससे यातायात सुचारू रूप से संचालित होगा और शहर के निवासियों को राहत मिलेगी.
मेरठ को मिलेगा आउटर रिंग रोड का लाभ
मेरठ में नए हाईवे नेटवर्क को इस तरह से डिज़ाइन किया जा रहा है कि यह आउटर रिंग रोड का कार्य करेगा. इसका मतलब है कि अब शहर के अंदर से होकर जाने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी. इन सड़कों के पूरा होते ही मेरठ की सूरत बदल जाएगी और शहर का तेजी से विकास होगा.
शहर को जोड़ने वाले पांच नेशनल हाईवे
मेरठ को देश के विभिन्न हिस्सों से जोड़ने के लिए इसे पांच प्रमुख नेशनल हाईवे से जोड़ा जा रहा है. ये हाईवे हैं:
- एनएच-235
- एनएच-58
- एनएच-119
- एनएच-709 ए
- दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे
इन हाईवे के निर्माण कार्य पर कुल 992 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान लगाया गया है. इन हाईवे से मेरठ के उद्योग, व्यापार और शिक्षा क्षेत्रों को एक नई गति मिलेगी.
सिसौली से हापुड़ रोड तक नई सड़क
हाईवे विस्तार योजना के तहत सिसौली से हापुड़ रोड तक एक नई सड़क का निर्माण किया जा रहा है. यह सड़क मौजूदा डंपिंग ग्राउंड के पास लोहियानगर में जुड़ेगी और इसकी कुल लंबाई लगभग 6 किलोमीटर होगी. इस सड़क के बनने से हापुड़, बुलंदशहर और मुरादाबाद की ओर जाने वाली ट्रैफिक सुगम होगी और यात्रा का समय कम होगा.
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का पाँचवा फेज
मेरठ के नरहेड़ा क्षेत्र के पास दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के पाँचवे फेज का कार्य प्रगति पर है. इस परियोजना के तहत लैंड फिलिंग का कार्य जारी है. जिससे भविष्य में यातायात को और भी सुगम बनाया जा सकेगा. यह एक्सप्रेसवे सीधे दिल्ली से जुड़ने में मदद करेगा और मेरठ-दिल्ली के बीच सफर करने वालों को एक बेहतरीन विकल्प प्रदान करेगा.
गढ़ रोड और मवाना रोड का होगा आपसी संपर्क
शहर के भीतर यातायात को आसान बनाने के लिए गढ़ रोड और मवाना रोड को आपस में जोड़ा जा रहा है. इस परियोजना के तहत सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है, जिससे वाहनों की आवाजाही और भी बेहतर हो जाएगी.
सलारपुर में इंटरचेंज बनेगा
मेरठ के सलारपुर क्षेत्र में एक नया इंटरचेंज बनाया जा रहा है, जो भावनपुर से होकर गुजरने वाली सड़क से जुड़ेगा. इस सड़क की लंबाई 12.028 किमी होगी और इसका निर्माण कार्य 992 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है. इस इंटरचेंज के पूरा होने पर दौराला और एनएच-58 के बीच यातायात और सुगम हो जाएगा.
इनर रिंग रोड से भी जाम से मिलेगी राहत
शहर में ट्रैफिक की समस्या को कम करने के लिए इनर रिंग रोड का निर्माण किया जा रहा है. इस योजना के तहत मवाना रोड को किला रोड से जोड़ने के लिए गंगानगर में 45 रोड का विस्तार किया गया है. इस सड़क के निर्माण पर कुल 17 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. इससे शहर में ट्रैफिक का दबाव कम होगा और लोगों को जाम से राहत मिलेगी.
एनएच-58 को जोड़ने की नई योजना
एनएच-58 को शहर के अन्य भागों से जोड़ने के लिए एक नई योजना पर काम किया जा रहा है. इसके तहत परतापुर गंगोल से चांदसारा, फफूंडा होते हुए 7.52 किमी. लंबी सड़क बनाई जा रही है. जिसकी कुल लागत 40.45 करोड़ रुपये होगी. इसके लिए 14.15 करोड़ रुपये की राशि भी जारी कर दी गई है. इस परियोजना के पूरा होने से दिल्ली रोड से जुड़ने का एक और आसान मार्ग उपलब्ध हो जाएगा.
रैपिड रेल कॉरिडोर पर तेज़ी से हो रहा काम
मेरठ में निर्माणाधीन रैपिड रेल कॉरिडोर के आसपास के क्षेत्रों में नई विकास योजनाएँ शुरू की जा रही हैं. इस कॉरिडोर के पास शोरूम, ऑफिस और घरों के निर्माण की संभावनाएँ तलाशी जा रही हैं. एनसीआरटीसी द्वारा ली एंड एसोसिएट्स के सहयोग से इस परियोजना पर सर्वेक्षण पूरा किया जा चुका है.
स्पेशल डेवलपमेंट एरिया (SDA) की योजना
रैपिड रेल कॉरिडोर के तहत परतापुर और मोदीपुरम क्षेत्रों को स्पेशल डेवलपमेंट एरिया (SDA) के रूप में विकसित किया जा रहा है. साथ ही सात ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) ज़ोन भी प्रस्तावित हैं. इस योजना के तहत शहर का ड्रोन मैपिंग कराकर जोनल प्लान तैयार किया जा रहा है. जिससे शहर के विकास में नया आयाम जोड़ा जाएगा.
मेरठ को भविष्य के लिए तैयार करने की पहल
मेरठ में हाईवे, आउटर रिंग रोड, इनर रिंग रोड और रैपिड रेल कॉरिडोर जैसी विकास परियोजनाओं से शहर की कनेक्टिविटी मजबूत होगी. व्यापार, शिक्षा और उद्योगों को नई रफ्तार मिलेगी और मेरठ उत्तर प्रदेश का एक और भी महत्वपूर्ण केंद्र बनकर उभरेगा. इन परियोजनाओं के पूरा होते ही मेरठ के लोगों को जाम की समस्या से राहत मिलेगी और यात्रा का समय बचेगा.