चमत्कारी थाली में खाना खाता था ये मुगल बादशाह, जहरीला खाना तुरंत पहचान लेती थी ये थाली Mughal Empire

Mughal Empire: भारतीय इतिहास में मुगल बादशाहों का एक लंबा और प्रभावशाली युग रहा है. इन बादशाहों ने न केवल भारतीय समाज और संस्कृति पर गहरा प्रभाव डाला बल्कि उनके शासन काल में अनेक वास्तुशिल्पीय और कलात्मक उपलब्धियां भी हुईं. ये बादशाह अपनी सत्ता को मजबूत करने के लिए विभिन्न रणनीतियों और षडयंत्रों का उपयोग करते थे, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिरता और दीर्घकालिक शासन सुनिश्चित हो सके.

शाहजहां की सुरक्षा उपाय

बादशाह शाहजहां, जिन्होंने ताजमहल जैसी अद्भुत इमारत का निर्माण कराया, अपने खाने की सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क थे. इतिहास बताता है कि उनके खाने की विशेष जांच होती थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें दिया जा रहा खाना पूरी तरह से सुरक्षित है. इसके लिए एक खास तरह की तश्तरी का उपयोग किया जाता था, जिसे जहरीले खाने की पहचान करने के लिए विकसित किया गया था.

खास तश्तरी का उपयोग

इस विशेष तश्तरी की खासियत यह थी कि अगर खाने में जहर मिलाया गया होता तो तश्तरी का रंग बदल जाता और वह टूट भी जाती थी. इस अद्वितीय तश्तरी का आज भी आगरा के ताज म्यूजियम में संरक्षण किया गया है, जहाँ यह इतिहास और विज्ञान के अनूठे मेल के रूप में प्रदर्शित होती है.

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फूड टेस्टर्स की भूमिका

मुगल काल में खाना परोसने से पहले फूड टेस्टर का उपयोग करना एक आम प्रथा थी. ये फूड टेस्टर बादशाह को परोसे जाने वाले खाने को पहले चखते थे और यदि उसमें कोई विषैला पदार्थ नहीं होता, तभी खाना बादशाह को दिया जाता था. इससे उनकी सुरक्षा को और अधिक मजबूती प्रदान की जाती थी.

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