भारत की इस ट्रेन को मंजिल तक पहुंचने में लगे 3 साल, कारण ऐसा की आप सोच भी नही सकते Indian Railway Facts

Indian Railway Facts: भारतीय रेल, जिसे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क माना जाता है, अक्सर विलंब के लिए जानी जाती है। ठंड के मौसम में ट्रेनों की देरी आम बात है और कभी-कभी यह देरी 12 से 24 घंटों तक भी पहुँच जाती है। जहां कुछ घंटों में पूरी होने वाली यात्रा भी ठंड में 6-7 घंटे लंबी हो सकती है।

भारत की सबसे ज्यादा देर से चलने वाली ट्रेन

क्या आपने कभी सोचा है कि भारत की सबसे ज्यादा देरी से चलने वाली ट्रेन कौन सी है ? यह हैरान करने वाला मामला 2014 का है, जब एक माल गाड़ी को आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम से उत्तर प्रदेश के बस्ती तक की यात्रा में 3 साल से अधिक की देरी हुई थी।

एक अनोखी यात्रा का विवरण

इस माल गाड़ी को 42 घंटे में यात्रा पूरी करनी थी, लेकिन इसने इसे पूरा करने में 3 साल, 8 महीने और 7 दिन का समय लगा दिया। इस ट्रेन ने भारतीय रेलवे के इतिहास में सबसे ज्यादा देरी का रिकॉर्ड बनाया।

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घटना के पीछे की कहानी

बस्ती के एक व्यापारी रामचंद्र गुप्ता ने इस ट्रेन से डाय अमोनियम फोस्फेट (DAF) मंगवाया था, जिसकी कुल कीमत लगभग 14 लाख रुपये थी। यह ट्रेन 10 नवंबर 2014 को विशाखापट्टनम से चली थी और 25 जुलाई 2018 को बस्ती पहुंची।

रास्ते में ट्रेन का गायब होना

ट्रेन ने न केवल अत्यधिक समय लिया, बल्कि यह रास्ते में कहीं गायब भी हो गई। जब यह निर्धारित समय पर बस्ती नहीं पहुंची, तो गुप्ता ने रेलवे प्रशासन से संपर्क किया और अनेक शिकायतें दर्ज करवाईं। हालांकि, इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी।

ट्रेन की वापसी और खोज

बाद में पता चला कि ट्रेन किसी यार्ड में खड़ी थी और यह अपने मार्ग से भटक गई थी। इसकी खोज के बाद ही ट्रेन बस्ती पहुंची। इस घटना ने न केवल व्यापारी को बल्कि भारतीय रेलवे को भी काफी प्रभावित किया।

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