Poplar Tree Farming: भारत को प्राचीन काल से ही कृषि प्रधान देश माना जाता है, जहां की बड़ी जनसंख्या कृषि कार्यों पर निर्भर करती है। हाल के दशकों में, खेती में तकनीकी उन्नतियों के साथ-साथ शैक्षिक विकास ने इस क्षेत्र को और भी आकर्षक बना दिया है। इसी क्रम में, पॉपुलर पेड़ की खेती ने भी भारतीय किसानों के बीच खास पहचान बनाई है।
पॉपुलर पेड़ विश्वव्यापी मांग
पॉपुलर पेड़ न केवल भारत में बल्कि एशिया, नॉर्थ अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका जैसे महाद्वीपों में भी उगाए जाते हैं। इसके विभिन्न उपयोगों जैसे कि पेपर निर्माण, प्लाईवुड, माचिस और चॉपस्टिक्स बनाने में होने की वजह से, पॉपुलर की वैश्विक बाजार में बड़ी मांग है।
आदर्श तापमान और खेती की विशेषताएं
पॉपुलर पेड़ की खेती के लिए 5 से 45 डिग्री सेल्सियस के तापमान रेंज आदर्श मानी जाती है। यह पेड़ सूरज की प्रचुर मात्रा में रोशनी में बेहतर उगता है। इन पेड़ों के बीच में गन्ने, हल्दी, आलू जैसी फसलें उगाना संभव है, जिससे आय के अतिरिक्त स्रोत भी निर्माण होते हैं।
पॉपुलर पेड़ से कमाई के अवसर
पॉपुलर के पेड़ से उम्मीद से ज्यादा कमाई संभव है। इन पेड़ों की लकड़ी की बाजार में उच्च कीमत होती है, जो किसानों को प्रति पेड़ 700 से 800 रुपये प्रति क्विंटल तक की आमदनी दे सकती है। एक हेक्टेयर में लगभग 250 पेड़ लगाकर, किसान 7 से 8 लाख रुपये तक कमा सकते हैं।
खेती में नए विचार की ओर
पॉपुलर पेड़ की खेती ने भारतीय कृषि क्षेत्र में नवाचार की एक नई दिशा प्रस्तुत की है। इसकी उच्च आय की संभावना और बढ़ती हुई वैश्विक मांग के कारण, यह खेती भारतीय किसानों के लिए न केवल आय का एक स्थिर स्रोत बनती जा रही है बल्कि यह खेती के प्रति युवा पीढ़ी की रूचि को भी बढ़ावा दे रही है। यह खेती न केवल आर्थिक लाभ प्रदान करती है बल्कि यह पर्यावरणीय स्थिरता में भी योगदान देती है, जिससे यह आधुनिक कृषि के लिए एक आदर्श मॉडल साबित होती है।