Noida Expressway: नोएडा एक्सप्रेसवे से सटे गांवों में रहने वाले लाखों लोग अब राहत महसूस कर सकेंगे. लंबे समय से अंडरपास की कमी से परेशान इन गांवों के निवासी अब जल्द ही आसानी से एक्सप्रेसवे के दोनों ओर आवागमन कर सकेंगे. इसके साथ ही नोएडा एक्सप्रेसवे पर दो नए अंडरपास बनने का रास्ता अब साफ हो गया है. यह कदम नोएडा के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होने जा रहा है और यहां के रहने वालों के लिए एक बड़ी राहत का कारण बनेगा.
IIT रुड़की से मिली मंजूरी, अब निर्माण होगा संभव
नोएडा एक्सप्रेसवे पर अंडरपास बनाने की योजना को लेकर IIT रुड़की को डिजाइन बनाने का जिम्मा सौंपा गया था. IIT रुड़की ने इस डिजाइन को मंजूरी दे दी है। जिसके बाद अब अंडरपास के निर्माण का कार्य शुरू होने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. इससे पहले अंडरपास के डिजाइन को लेकर दो बार असफल प्रयास किए गए थे, लेकिन इस बार IIT रुड़की की मंजूरी के बाद प्राधिकरण के अधिकारियों ने भी हरी झंडी दे दी है.
झट्टा और सुल्तानपुर गांव में बनाए जाएंगे अंडरपास
दो नए अंडरपास झट्टा गांव और सुल्तानपुर गांव के पास बनाए जाएंगे. यह दोनों अंडरपास लोगों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे. इससे सिर्फ इन गांवों के लोग ही नहीं, बल्कि आस-पास के सेक्टर और गांवों के निवासी भी फायदा उठाएंगे. इन अंडरपास के बनने से नोएडा एक्सप्रेसवे पर यातायात की स्थिति में सुधार होगा और यात्रा के समय में भी कमी आएगी.
टेंडर प्रक्रिया के बाद होगा काम शुरू
दोनों अंडरपास के निर्माण के लिए अब टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इस प्रक्रिया के बाद निर्माण कंपनी का चयन कर काम की शुरुआत की जाएगी. अधिकारियों के मुताबिक काम फरवरी या मार्च से शुरू हो सकता है. हालांकि निर्माण के लिए पहले से तैयारियां की जा रही हैं ताकि काम समय पर पूरा हो सके.
6 महीने में होंगे अंडरपास तैयार
अधिकारियों का कहना है कि इन दोनों अंडरपास का निर्माण करीब 6 महीने में पूरा कर लिया जाएगा. इसके बनने से 30 आवासीय सेक्टर और 15 गांव के लोगों को आवागमन में सीधा फायदा होगा. इससे इन क्षेत्रों के लोग बिना किसी रुकावट के नोएडा एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल कर सकेंगे. जिससे समय की बचत होगी और ट्रैफिक की समस्याओं में भी कमी आएगी.
अंडरपास की लंबाई और खर्च
नोएडा एक्सप्रेसवे पर पहले अंडरपास का निर्माण 16.900 किलोमीटर की दूरी पर सेक्टर-145, 146, 155 और 159 के बीच होगा. इसकी लंबाई लगभग 800 मीटर होगी. इसके निर्माण में करीब 131 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इस अंडरपास के बनने से सेक्टर-151 से 159 तक के क्षेत्रों और आसपास के नौ गांवों को फायदा होगा.
दूसरा अंडरपास सुल्तानपुर के पास एक्सप्रेसवे पर 6.10 किलोमीटर की दूरी पर सेक्टर-128, 129, 132 और 108 के बीच बनेगा. इसकी लंबाई 731 मीटर की होगी और इसके निर्माण में करीब 106 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इसे बनवाने के लिए आईआईटी ने डिजाइन में कुछ बदलाव किए थे. जिससे खर्च 98 करोड़ रुपये तक सीमित किया गया है. इस अंडरपास से 11 गांवों और सेक्टरों को फायदा होगा.
वर्टिकल गार्डन से बढ़ेगी हरियाली
नोएडा के विकास के साथ-साथ हरियाली को बढ़ावा देने के लिए प्राधिकरण ने 6 स्थानों पर वर्टिकल गार्डन बनाने का निर्णय लिया है. यह गार्डन शाहदरा ड्रेन ब्रिज पर और सेक्टर-14, 59, 61, 62, और सेक्टर-63 मेट्रो पिलर पर बनाए जाएंगे. इन वर्टिकल गार्डन का निर्माण करीब 91 लाख रुपये की लागत से होगा. इन गार्डनों का रखरखाव करने वाली कंपनी को दो साल तक जिम्मेदारी निभानी होगी.
कितने गांवों को होगा फायदा?
नोएडा एक्सप्रेसवे पर अंडरपास बनने से लगभग 10 से 12 गांवों और सेक्टरों को सीधा फायदा होगा. इन गांवों के लोग बिना किसी परेशानी के अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे. पहले अंडरपास न होने के कारण इन लोगों को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. अब यह समस्या समाप्त हो जाएगी.
चुनौतियाँ और समाधान
अंडरपास का निर्माण हालांकि एक बड़ी सुविधा होगी. लेकिन इसके निर्माण के दौरान ट्रैफिक की समस्या और निर्माण कार्य से होने वाली असुविधाओं से निपटना भी एक चुनौती होगी. अधिकारियों ने इस बारे में भी योजना बनाई है ताकि काम के दौरान लोगों को कम से कम परेशानी हो.