Gpay समेत इन UPI से पेमेंट करने पर लगेंगे पैसे, एक्स्ट्रा पैसे चार्ज करने की तैयारी में कंपनियां UPI Service Charges

Shiv Shankar
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UPI Service Charges: हाल ही में, भारत सरकार ने UPI ट्रांजेक्शन पर दी जा रही सब्सिडी में बड़ी कटौती की है, जिसका सीधा असर ग्राहकों की जेब पर पड़ने वाला है। इस कटौती के कारण, जो पहले नि:शुल्क था, उस पर अब शुल्क लगने की संभावना है। इस बदलाव से पेमेंट कंपनियां जैसे Google Pay, PhonePe, और Paytm अब ट्रांजेक्शन फीस लगाने की तैयारी में हैं, जिससे उपभोक्ताओं को अपने डिजिटल लेनदेन पर अधिक खर्च करना पड़ सकता है।

पेमेंट कंपनियों द्वारा शुल्क लगाने की योजना

Google Pay ने हाल ही में अपने ऐप पर डेबिट कार्ड से किए गए पेमेंट पर 0.5% और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट पर 1% तक की फीस लेनी शुरू कर दी है। इसी तरह, PhonePe और Paytm ने भी मोबाइल रिचार्ज और अन्य सर्विसेज पर फीस लगाना शुरू कर दिया है। यह कदम इन कंपनियों को अपनी आय बढ़ाने और घाटे से उभरने की दिशा में ले जा रहा है, जो सरकारी सब्सिडी की कमी के कारण जरूरी हो गया है।

सब्सिडी में कटौती का विस्तृत विश्लेषण

बीते कुछ वर्षों में सरकार द्वारा UPI ट्रांजेक्शन के लिए दी जा रही सब्सिडी में भारी कटौती देखी गई है। 2023 में 2,600 करोड़ रुपये से शुरू होकर, 2024 में 2,484 करोड़ और 2025 में मात्र 477 करोड़ रुपये तक यह घट गई है। यह कमी सरकार के व्यय पर बोझ कम करने और डिजिटल लेनदेन को आत्मनिर्भर बनाने की नीति का हिस्सा है।

भविष्य में फीस लगाने की संभावना और उपभोक्ता प्रभाव

सरकार का मानना है कि यह फीस डिजिटल पेमेंट्स को अधिक स्थायी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए जरूरी है। यह नई व्यवस्था पेमेंट कंपनियों को अपनी सेवाओं को अधिक व्यवहार बनाने में मदद करेगी, लेकिन साथ ही यह उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाल सकती है। भविष्य में, यह संभावना है कि छोटे ट्रांजेक्शन पर भी फीस लग सकती है, जिससे आम जनता को अपने दैनिक लेनदेन पर और अधिक खर्च करना पड़ सकता है।

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