UPI TRANSACTION CHARGES: भारत में UPI और RuPay डेबिट कार्ड के जरिए लेनदेन की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। इस समय, इन प्लेटफॉर्मों पर की जाने वाली लेनदेन पर कोई भी MDR यानी Merchant Discount Rate नहीं लगता है। MDR वह शुल्क होता है जो व्यापारी अपने बैंक को डिजिटल भुगतान के लिए देते हैं।
सरकार द्वारा MDR लागू करने की योजना
हालांकि, अब सरकार इसे फिर से लागू करने की योजना बना रही है। ईटी के अनुसार, बैंकिंग उद्योग की ओर से सरकार को एक प्रस्ताव भेजा गया है जिसमें यह सुझाव दिया गया है कि जिन दुकानदारों का सालाना टर्नओवर 40 लाख रुपये से अधिक है, उन पर MDR लागू किया जाए।
व्यापारियों पर MDR का असर
इस प्रस्ताव के अनुसार, छोटे व्यापारियों, जिनकी सालाना बिक्री 40 लाख रुपये से कम है, पर किसी प्रकार का MDR नहीं लगेगा। इससे छोटे व्यापारियों पर किसी तरह का आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा, जबकि बड़े व्यापारी, जो महत्वपूर्ण डिजिटल भुगतान करते हैं, उन्हें यह शुल्क चुकाना पड़ सकता है।
MDR वापसी की आवश्यकता
बैंकों और पेमेंट कंपनियों का मानना है कि बड़े व्यापारियों द्वारा Visa और Mastercard जैसे प्लेटफॉर्मों पर पहले से MDR दिया जा रहा है, तो UPI और RuPay पर भी इसे लागू करना चाहिए। 2022 के बजट में जब MDR को हटाया गया था, तो उसका मुख्य उद्देश्य डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना था। अब, जब UPI सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला पेमेंट मोड बन गया है, तो सरकार इस खर्च को कम करने के बजाय इसका बोझ बड़े व्यापारियों पर डाल सकती है।