Strict Order For School: पंजाब के फिरोजपुर में बीते कुछ समय से लगातार हो रहे स्कूल वैन हादसों ने प्रशासन को गंभीर सोचने पर मजबूर कर दिया है। प्रशासन द्वारा पहले कई बार स्कूल प्रबंध समितियों और प्रिंसिपलों के साथ बैठकों के माध्यम से चेतावनियां दी जा चुकी हैं। इन बैठकों में साफ कहा गया कि स्कूल वैनें अच्छी स्थिति में होनी चाहिए और उन्हें चलाने वाले ड्राइवर पूरी तरह फिट और नशा मुक्त होने चाहिए। मगर कुछ स्कूल प्रबंधन की लापरवाही बच्चों की जान के लिए खतरा बनती जा रही है।
जर्जर वैनों की वजह से जानलेवा बन रहे हैं सफर
हाल ही में फिरोजपुर के एक गांव में एक स्कूल वैन के एक्सीडेंट ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। जांच में सामने आया कि वैन बेहद जर्जर हालत में थी और उसकी वैधता की समय सीमा भी समाप्त हो चुकी थी। इसके बावजूद यह वैन सड़क पर बच्चों को स्कूल ला रही थी। यह केवल एक उदाहरण नहीं है, बल्कि ऐसी कई वैनें रोज सड़कों पर दौड़ रही हैं जो हादसों को निमंत्रण दे रही हैं।
अब प्रशासन ने अपनाया सख्त रवैया
इस बढ़ती लापरवाही को देखते हुए आरटीए सचिव गुरमीत सिंह मान ने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि अब ऐसी वैनों को सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि जर्जर स्कूल वैनों को जब्त किया जाएगा और ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
सेफ स्कूल व्हीकल पॉलिसी का सख्ती से होगा पालन
गुरमीत सिंह मान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अब “सेफ स्कूल व्हीकल पॉलिसी” को सख्ती से लागू किया जाएगा। यह पॉलिसी हर स्कूल वाहन के लिए जरूरी मानकों को निर्धारित करती है जैसे- वैन की फिटनेस, प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट, ड्राइवर का लाइसेंस, मेडिकल फिटनेस, नशा परीक्षण, और सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता।
स्कूल प्रबंध समितियों पर होगी कानूनी कार्रवाई
अब केवल वैन चालक ही नहीं, बल्कि स्कूल प्रबंध समितियां और प्रिंसिपल भी जांच के घेरे में रहेंगे। यदि किसी स्कूल की वैन नियमों के विरुद्ध पाई जाती है तो उसके खिलाफ FIR दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द करने की सिफारिश भी की जाएगी।
ड्राइवर की जांच भी अब होगी अनिवार्य
सेफ स्कूल व्हीकल पॉलिसी के तहत अब स्कूल वाहन चालकों की समय-समय पर मेडिकल जांच जरूरी कर दी गई है। खासकर उनकी आंखों, सुनने की शक्ति और नशा सेवन की जांच अनिवार्य होगी। डोप टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव न होने की स्थिति में ऐसे ड्राइवर को बच्चों के वाहन से हटाया जाएगा।
क्या कहते हैं परिवहन विभाग के नियम ?
परिवहन विभाग के अनुसार, किसी भी स्कूल वैन का रोड पर चलना तब तक वैध नहीं है जब तक उसमें सभी सुरक्षा उपकरण मौजूद न हों। इनमें फायर एस्टिंग्विशर, फर्स्ट एड बॉक्स, GPS ट्रैकिंग सिस्टम, स्पीड गवर्नर, और वाहन की फिटनेस सर्टिफिकेट शामिल है। साथ ही बच्चों की सुरक्षा के लिए सीट बेल्ट और वैन के अंदर सेफ्टी रॉड भी अनिवार्य की गई है।
मीडिया के माध्यम से दी गई सख्त चेतावनी
गुरमीत सिंह मान ने मीडिया के माध्यम से सभी स्कूलों और कॉलेजों को चेतावनी दी है कि वे जल्द से जल्द अपने स्कूल वाहनों की जांच करवा लें और सेफ स्कूल व्हीकल पॉलिसी के अनुरूप उन्हें अपडेट करें। उन्होंने कहा कि कोई भी लापरवाही बच्चों की जान से खिलवाड़ के समान है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बच्चों की सुरक्षा है सर्वोपरि
यह एक गंभीर विषय है और इसमें सरकार, प्रशासन, स्कूल प्रबंधन, अभिभावक और ड्राइवर – सभी की जिम्मेदारी बनती है। जब तक सभी इस विषय को गंभीरता से नहीं लेंगे, तब तक बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती। प्रशासन ने जो सख्त कदम उठाए हैं, वो बच्चों के बेहतर भविष्य और सुरक्षित परिवहन के लिए जरूरी हैं।
अभिभावकों से अपील
प्रशासन ने अभिभावकों से भी अपील की है कि वे स्कूल वैन की हालत और ड्राइवर की स्थिति पर नजर रखें। अगर उन्हें कोई अनियमितता या खतरा महसूस हो, तो तुरंत प्रशासन या स्कूल प्रबंधन को इसकी जानकारी दें। आखिरकार बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होना चाहिए।