Oldest Railway Station: भारतीय रेलवे को देश की लाइफलाइन कहा जाता है. यह न सिर्फ कम समय में बल्कि कम कीमत में लाखों यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुँचाने का जरिया है. इसका विशाल नेटवर्क देश के कोने-कोने को जोड़ता है, जिससे यह भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
भारत के पहले रेलवे स्टेशन की यात्रा
बोरीबंदर, जिसे अब छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (Chhatrapati Shivaji Maharaj Terminus) के नाम से जाना जाता है, ने भारतीय रेलवे के इतिहास में एक विशेष स्थान रखता है. इसका निर्माण 1853 में ग्रेट इंडियन पेनिनसुलर रेलवे द्वारा किया गया था, और यह भारत में पहली यात्री रेलगाड़ी के संचालन का साक्षी बना.
विक्टोरिया से छत्रपति तक
बोरीबंदर से थाने तक पहली यात्री रेलगाड़ी के चलने के बाद, स्टेशन का नाम बदलकर विक्टोरिया टर्मिनस किया गया. 1996 में इसका नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी रेलवे स्टेशन हुआ, और बाद में 2017 में इसे छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस कहा जाने लगा. यह नाम परिवर्तन भारतीय इतिहास में सांस्कृतिक गौरव और राष्ट्रीय अस्मिता को दर्शाता है.
भारतीय रेलवे का विकास और आधुनिकीकरण
भारतीय रेलवे ने अपनी स्थापना के बाद से ही विशाल विकास किया है. आज यह न केवल व्यापक रेल नेटवर्क मिलता है बल्कि तकनीकी उन्नतियों के साथ यात्री सुविधाओं में भी सुधार कर रहा है. नई ट्रेनें, बेहतर सुविधाएं और डिजिटलीकरण भारतीय रेलवे को और भी सक्षम बना रहे हैं.