Metro Driver: भारत में रेलवे और मेट्रो दोनों ही परिवहन के सबसे लोकप्रिय और तेज़ साधन हैं. रेलवे में ट्रेन चलाने वाले कर्मचारियों को “लोको पायलट” कहा जाता है. जबकि मेट्रो ड्राइवर को “ट्रेन ऑपरेटर” कहा जाता है. यदि आप रेलवे लोको पायलट या मेट्रो ट्रेन ऑपरेटर बनने की सोच रहे हैं, तो आपको इसकी पूरी प्रक्रिया, आवश्यक योग्यता और सैलरी के बारे में जानना जरूरी है.
आज हम आपको बताएंगे कि कैसे लोको पायलट और मेट्रो ड्राइवर बना जा सकता है. इनकी सैलरी कितनी होती है और चयन प्रक्रिया कैसी होती है.
लोको पायलट और मेट्रो ड्राइवर – क्या होता है अंतर?
रेलवे और मेट्रो दोनों ही यात्री परिवहन के लिए महत्वपूर्ण सेवाएं हैं. लेकिन इनके संचालन में कुछ अंतर होते हैं.
विशेषता | रेलवे लोको पायलट | मेट्रो ट्रेन ऑपरेटर |
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ड्राइवर का पदनाम | लोको पायलट | ट्रेन ऑपरेटर |
ट्रेन का प्रकार | लंबी दूरी की ट्रेनें | शहरी मेट्रो ट्रेनें |
कार्य क्षेत्र | पूरे देश में | किसी विशेष शहर में |
संचालन प्रणाली | मैनुअल कंट्रोल | अर्ध-स्वचालित या पूरी तरह से स्वचालित |
वेतनमान | ₹30,000 – ₹35,000 (शुरुआती) | ₹39,000 – ₹91,000 (अनुभव के आधार पर) |
मेट्रो ड्राइवर बनने के लिए योग्यता और जरूरी पात्रता
अगर आप मेट्रो ड्राइवर (ट्रेन ऑपरेटर) बनना चाहते हैं, तो इसके लिए कुछ आवश्यक योग्यताएं पूरी करनी पड़ती हैं:
शैक्षिक योग्यता
- AICTE से मान्यता प्राप्त संस्थान से ITI पास होना जरूरी है.
- या फिर मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, या ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा होना चाहिए.
आयु सीमा
- न्यूनतम उम्र: 18 साल
- अधिकतम उम्र: 28 से 30 साल (संस्थान के अनुसार अलग-अलग हो सकती है)
मेडिकल फिटनेस टेस्ट
- ट्रेन ऑपरेटर बनने के लिए आंखों की जांच (Vision Test) अनिवार्य होता है.
- यदि आंखों में कोई गड़बड़ी होती है तो उम्मीदवार को नौकरी नहीं दी जाती.
मेट्रो ड्राइवर की चयन प्रक्रिया
मेट्रो में ट्रेन ऑपरेटर बनने के लिए निम्नलिखित चरणों से गुजरना पड़ता है:
आवेदन प्रक्रिया
- दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) या अन्य मेट्रो रेल कंपनियों की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होता है.
लिखित परीक्षा
- इसमें तकनीकी ज्ञान, सामान्य ज्ञान, गणित और तार्किक योग्यता से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं.
मेडिकल टेस्ट
- आंखों की रोशनी और अन्य शारीरिक परीक्षण किए जाते हैं.
डॉक्यूमेंट वेरिफ़िकेशन
- सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच की जाती है.
प्रशिक्षण (ट्रेनिंग)
- चुने गए उम्मीदवारों को 6 से 12 महीने की ट्रेनिंग दी जाती है.
- ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ही नियुक्ति (अपॉइंटमेंट) दी जाती है.
मेट्रो ड्राइवर की सैलरी कितनी होती है?
मेट्रो ट्रेन ऑपरेटर की सैलरी Glassdoor के अनुसार कुछ इस प्रकार होती है:
- शुरुआती वेतन – ₹39,000 प्रति माह
- प्रमोशन के बाद – ₹91,000 प्रति माह तक हो सकता है.
- इसके अलावा, ट्रेन ऑपरेटर को अन्य भत्ते भी दिए जाते हैं, जैसे कि HRA, मेडिकल इंश्योरेंस, और अन्य सरकारी सुविधाएं.
रेलवे लोको पायलट बनने के लिए योग्यता और पात्रता
अगर आप भारतीय रेलवे में लोको पायलट बनना चाहते हैं, तो इसके लिए निम्नलिखित योग्यताएं जरूरी हैं:
शैक्षिक योग्यता
- न्यूनतम 12वीं पास होना जरूरी है.
- इसके साथ ही ITI (फिटर, इलेक्ट्रीशियन, मैकेनिक, मोटर व्हीकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, आदि) का सर्टिफिकेट होना चाहिए.
- या फिर डिप्लोमा/डिग्री (मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग) होनी चाहिए.
आयु सीमा
- न्यूनतम उम्र: 18 साल
- अधिकतम उम्र: 30 साल (सरकारी नियमों के अनुसार आरक्षित वर्ग को छूट मिलती है)
मेडिकल फिटनेस टेस्ट
- उम्मीदवार की आंखों की रोशनी अच्छी होनी चाहिए.
- शारीरिक रूप से पूरी तरह फिट होना जरूरी है.
रेलवे लोको पायलट की चयन प्रक्रिया
रेलवे में लोको पायलट बनने के लिए RRB (Railway Recruitment Board) द्वारा परीक्षा आयोजित की जाती है. चयन प्रक्रिया इस प्रकार होती है:
- RRB परीक्षा इसमें गणित, तार्किक योग्यता, तकनीकी ज्ञान, और सामान्य ज्ञान से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं.
- CBT (Computer-Based Test) तकनीकी और मैकेनिकल विषयों की परीक्षा होती है.
- मेडिकल टेस्ट उम्मीदवार की दृष्टि, फिटनेस और अन्य मेडिकल जांच की जाती है.
- डॉक्यूमेंट वेरिफ़िकेशन और ट्रेनिंग चुने गए उम्मीदवारों को एक से दो साल की ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग के बाद नियुक्ति दी जाती है.
रेलवे लोको पायलट की सैलरी कितनी होती है?
रेलवे में लोको पायलट की सैलरी कुछ इस प्रकार होती है:
इसके अलावा लोको पायलट को DA, HRA, मेडिकल इंश्योरेंस और अन्य सरकारी सुविधाएं मिलती हैं.
- शुरुआती वेतन – ₹30,000 से ₹35,000 प्रति माह
- अनुभव और प्रमोशन के बाद – ₹60,000 से ₹80,000 प्रति माह तक हो सकता है.