Train Loco Pilot: भारत में अधिकतर युवाओं का सपना रेलवे में नौकरी पाने का होता है. रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) समय-समय पर विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी करता है. लेकिन जब बात ट्रेन ड्राइवर यानी लोको पायलट बनने की आती है, तो यह पद युवाओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बन जाता है. लोको पायलट न केवल एक जिम्मेदार पद है. बल्कि यह अच्छा वेतन और भविष्य की संभावनाएं भी प्रदान करता है.
ट्रेन ड्राइवर को क्या कहते हैं?
सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि ट्रेन ड्राइवर को तकनीकी रूप से ‘लोको पायलट’ कहा जाता है. लोको पायलट का काम ट्रेन को सही समय पर और सुरक्षित तरीके से गंतव्य तक पहुंचाना होता है. यह एक तकनीकी और चुनौतीपूर्ण भूमिका है. जिसके लिए विशेष प्रशिक्षण और अनुभव की आवश्यकता होती है.
लोको पायलट बनने के लिए डायरेक्ट भर्ती नहीं
लोको पायलट बनने के लिए डायरेक्ट भर्ती नहीं होती. उम्मीदवारों को सबसे पहले असिस्टेंट लोको पायलट (ALP) के पद पर चयनित होना पड़ता है. असिस्टेंट लोको पायलट के रूप में चयनित उम्मीदवारों को ट्रेनिंग और अनुभव के बाद प्रमोशन के माध्यम से लोको पायलट बनाया जाता है.
लोको पायलट के लिए योग्यताएं
लोको पायलट बनने के लिए उम्मीदवारों को निम्नलिखित योग्यताएं पूरी करनी होती हैं:
- शैक्षणिक योग्यता: उम्मीदवारों को 10वीं कक्षा पास होना चाहिए और उन्होंने किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से ITI या इंजीनियरिंग डिप्लोमा प्राप्त किया हो.
- उम्र सीमा: लोको पायलट पद के लिए न्यूनतम उम्र 18 वर्ष और अधिकतम उम्र 30 वर्ष होनी चाहिए.
- फिजिकल फिटनेस: मेडिकल टेस्ट में पास होना अनिवार्य है. जिसमें आंखों की रोशनी और शारीरिक स्वास्थ्य की जांच की जाती है.
लोको पायलट के चयन की प्रक्रिया
रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) लोको पायलट और असिस्टेंट लोको पायलट के पदों पर चयन के लिए निम्नलिखित चरणों का आयोजन करता है:
- कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (CBT): उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा देनी होती है. जिसमें गणित, रीजनिंग और जनरल नॉलेज से जुड़े प्रश्न होते हैं.
- साइकोमेट्रिक टेस्ट: इस टेस्ट के माध्यम से उम्मीदवार की मानसिक सतर्कता और निर्णय लेने की क्षमता का आकलन किया जाता है.
- मेडिकल टेस्ट और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन: अंतिम चरण में उम्मीदवारों की शारीरिक फिटनेस और दस्तावेजों की जांच की जाती है.
अनुभव के आधार पर प्रमोशन
असिस्टेंट लोको पायलट के रूप में चयनित उम्मीदवारों को सबसे पहले मालगाड़ी चलाने का जिम्मा दिया जाता है. ट्रेनिंग और अनुभव के आधार पर उन्हें धीरे-धीरे पैसेंजर ट्रेन चलाने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है. समय और अनुभव के साथ लोको पायलट को मुख्य लोको पायलट और सीनियर लोको पायलट के पद पर प्रमोट किया जाता है.
लोको पायलट की सैलरी और अन्य लाभ
लोको पायलट की सैलरी रेलवे में एक आकर्षक पहलू है.
- असिस्टेंट लोको पायलट की सैलरी: शुरुआत में 30,000 से 35,000 रुपये प्रतिमाह मिलते हैं.
- लोको पायलट की सैलरी: अनुभव और प्रमोशन के बाद सैलरी 50,000 से 60,000 रुपये प्रतिमाह तक हो सकती है.
- अन्य लाभ: सैलरी के अलावा यात्रा भत्ता, घर का किराया भत्ता (HRA) और अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं.
लोको पायलट की जिम्मेदारियां
लोको पायलट का काम केवल ट्रेन चलाना नहीं है. उनकी अन्य जिम्मेदारियां इस प्रकार हैं:
- ट्रेन को समय पर चलाना और सुरक्षित तरीके से गंतव्य तक पहुंचाना.
- ट्रेन के तकनीकी पहलुओं और उपकरणों की जांच करना.
- इमरजेंसी स्थिति में सही निर्णय लेना.
- सिग्नल और रेलवे नियमों का पालन करना.
लोको पायलट बनने के फायदे
लोको पायलट का पद न केवल वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है. बल्कि यह एक सम्मानजनक और स्थिर करियर भी है. रेलवे के कर्मचारी होने के नाते उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं, पेंशन योजना और अन्य सरकारी लाभ भी मिलते हैं.
लोको पायलट बनने की तैयारी कैसे करें?
लोको पायलट बनने की तैयारी के लिए उम्मीदवारों को कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट और साइकोमेट्रिक टेस्ट पर ध्यान देना चाहिए. कई कोचिंग संस्थान रेलवे भर्ती परीक्षा की तैयारी कराते हैं. जिनसे उम्मीदवारों को मदद मिल सकती है. इसके अलावा नियमित रूप से मॉक टेस्ट और पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों का अभ्यास करना भी जरूरी है.