Wheat Price Down: अलवर कृषि उपज मंडी में होली के बाद नए गेहूं की आवक के पहले ही गेहूं के दामों में नरमी देखी गई है. बीते तीन दिनों में गेहूं के दाम में 400 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई है. व्यापारी और किसानों के बीच यह बात चर्चा का विषय बनी हुई है क्योंकि आने वाले दिनों में स्थानीय गेहूं की भी आवक होने वाली है जिससे दामों में और अधिक गिरावट की संभावना है.
आटा मिलों का असर और गेहूं की खरीद
मध्य प्रदेश से गेहूं की आवक शुरू होने के साथ, आटा मिल संचालकों ने इसे सीधे खरीदना (direct wheat purchase) शुरू किया है. इस कारण मंडियों में गेहूं की मांग में कमी आई है, जिससे दामों में और अधिक गिरावट आई है. यह गिरावट गेहूं के व्यापारियों और किसानों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है.
आटे के दाम में गिरावट के कारण
नए गेहूं के आगमन और गेहूं के दामों में गिरावट का असर आटे के दामों पर भी पड़ा है. आटे के दामों में 4 रुपए प्रति किलो की कमी (flour price reduction) आई है, जिससे उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिली है. इससे गरीब वर्ग के लोगों को अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में आसानी हो रही है.
सरकारी समर्थन मूल्य और किसानों की स्थिति
सरकार द्वारा समर्थन मूल्य 2425 रुपए और राज्य सरकार द्वारा 125 रुपए प्रति क्विंटल बोनस की घोषणा की गई है, जिससे किसानों को कुल 2550 रुपए प्रति क्विंटल (support price for wheat) मिलेगा. बीते वर्षों की तुलना में इस वर्ष अच्छी बारिश और मौसम की अनुकूलता के चलते बंपर उत्पादन की उम्मीद है, जिससे गेहूं के दामों में और गिरावट की संभावना है.