Steel On Tree: पेड़ हमारे पर्यावरण के अभिन्न अंग हैं और इनकी सुरक्षा करना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है. भारत में भी और विदेशों में भी, पेड़ों को जानवरों से बचाने के लिए विभिन्न तरीके अपनाए जाते हैं. स्टील की चादरें लगाना ऐसा ही एक प्रचलित उपाय है. यह विधि न सिर्फ जानवरों को पेड़ पर चढ़ने से रोकती है बल्कि पेड़ों को नुकसान पहुँचाने से भी बचाती है.
विदेशों में इस चादर का काम
विदेशों में, खासकर उन इलाकों में जहाँ वन्यजीव अधिक होते हैं पेड़ों पर स्टील की चादरें लगाना एक सामान्य प्रथा है. यह तकनीक पेड़ों को गिलहरी, चूहे (rodent protection) और अन्य चढ़ाई करने वाले जीवों से बचाती है. इसका मुख्य उद्देश्य होता है पेड़ों की छाल को खरोंचने और नुकसान पहुँचाने से रोकना.
कैसे काम करती है स्टील की चादरें?
स्टील की चादरें पेड़ों के तने के चारों ओर लपेटी जाती हैं. ये चादरें चिकनी होती हैं और इन पर जानवरों के पांव फिसल जाते हैं. जिससे वे पेड़ पर नहीं चढ़ पाते हैं. इस प्रकार, यह विधि न केवल पेड़ों की रक्षा करती है बल्कि उन्हें स्वस्थ भी रखती है. इस तकनीक को अपनाने से पेड़ों की उम्र बढ़ती है और उनकी उत्पादकता में भी वृद्धि होती है.
पेड़ों पर इसका असर
पेड़ों पर स्टील की चादरें लगाने से न केवल जानवरों से बचाव होता है, बल्कि पक्षियों के घोंसला बनाने से भी रोकथाम होती है. यह पेड़ों को अनावश्यक वजन और नुकसान से बचाता है. इस प्रकार, स्टील की चादरें पेड़ों के लिए एक सुरक्षा कवच का काम करती हैं.