Women Wear Toe Ring: विवाहित हिन्दू महिलाओं के लिए बिछिया पहनना एक प्रमुख रिवाज है. चांदी की बनी इस छोटी लेकिन महत्वपूर्ण अंगूठी को पैरों की दूसरी और तीसरी उंगली में पहना जाता है, जो विवाहिता होने की पहचान के साथ-साथ उनके सुहाग का प्रतीक मानी जाती है.
बिछिया और इसके स्वास्थ्य लाभ
चांदी की बिछिया न केवल सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है बल्कि इसके विज्ञान सम्मत स्वास्थ्य लाभ (scientific health benefits) भी हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार, बिछिया एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (acupressure points) को सक्रिय करती है जो न केवल पैरों बल्कि पूरे शरीर की मांसपेशियों की सेहत को दुरुस्त रखती है.
चांदी की ठंडी प्रकृति और शारीरिक लाभ
चांदी धातु अपनी ठंडी प्रकृति (cool nature of silver) के लिए जानी जाती है, जो शरीर की गर्मी को नियंत्रित करते हुए एक संतुलित तापमान मिलता है. इससे शरीर को ज्यादा तापमान से राहत मिलती है, जो विशेषकर गर्मी के दिनों में लाभकारी होता है.
बिछिया का ज्योतिषीय महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चांदी को चंद्रमा का कारक (representative of the Moon) माना जाता है, जिसे पहनने से मानसिक शांति और भावनात्मक संतुलन में सुधार होता है. बिछिया पहनने से ग्रहों की बाधाएं भी दूर होती हैं, जिससे व्यक्ति की जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं.
संबंधों में मधुरता और बिछिया का किरदार
धर्म और ज्योतिष शास्त्र दोनों ही बिछिया को वैवाहिक जीवन में मधुरता लाने वाला मानते हैं. इसे पहनने से पति-पत्नी के बीच के संबंध (relationship between spouses) में स्थिरता और समर्पण बढ़ता है, जिससे दांपत्य जीवन सुखमय बनता है.