RBI Cibil Score Rule: क्रेडिट कार्ड और लोन के लिए अपनी वित्तीय योग्यता को सिद्ध करने में सीबिल स्कोर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है, जिसमें 750 या उससे अधिक स्कोर वाले व्यक्ति को वित्तीय रूप से स्थिर माना जाता है. फिर भी, कई लोगों का स्कोर बार-बार कम हो जाता है, जिसके विभिन्न कारण हो सकते हैं.
हार्ड और सॉफ्ट इन्क्वायरी की अवधारणा
सीबिल स्कोर की गणना में हार्ड इन्क्वायरी और सॉफ्ट इन्क्वायरी के बीच का अंतर महत्वपूर्ण है. जब आप खुद से अपना स्कोर जांचते हैं, इसे सॉफ्ट इन्क्वायरी कहा जाता है, जो आपके स्कोर को प्रभावित नहीं करती. वहीं जब आप किसी लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट आपका स्कोर चेक करता है, तो इसे हार्ड इन्क्वायरी कहा जाता है. हार्ड इन्क्वायरी से स्कोर में कमी आ सकती है.
RBI के नए नियम
हाल के दिनों में, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सीबिल स्कोर अपडेट करने की प्रक्रिया को और अधिक नियमित और तेज़ करने के लिए नए नियम लागू किए हैं. अब से, सभी बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस को हर 15 दिनों में ग्राहकों के सीबिल स्कोर को अपडेट करना होगा, जिससे ग्राहकों को उनकी वास्तविक वित्तीय स्थिति का ताजा और अधिक सटीक आंकलन मिल सकेगा.
सीबिल स्कोर कम होने के अन्य कारण
सीबिल स्कोर में गिरावट न केवल बार-बार किए गए इन्क्वायरीज़ के कारण होती है, बल्कि कई अन्य कारण भी होते हैं जैसे कि समय पर ऋण न चुकाना, क्रेडिट कार्ड बिलों का समय पर भुगतान न करना, उच्च क्रेडिट उपयोग अनुपात, और लोन की बार-बार और एक साथ कई अनुरोध करना. ये सभी कारक सीबिल स्कोर को प्रभावित करते हैं.
कैसे सुधारें अपना सीबिल स्कोर
सीबिल स्कोर सुधारने के लिए आपको ऋण और क्रेडिट कार्ड के बिलों का भुगतान समय पर करना होगा, क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो को कम रखना होगा, और हार्ड इन्क्वायरी की संख्या को सीमित करना होगा. यदि आप इन बातों का ध्यान रखेंगे, तो आपका सीबिल स्कोर धीरे-धीरे सुधरने लगेगा और आपकी वित्तीय साख मजबूत होगी.