ट्रेन में नेचुरल मौत होने पर मुआवजा मिलेगा या नही, जाने क्या कहता है रेल्वे का नियम Indian Railway Compensation Rules

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Indian Railway Compensation Rules: भारत में ट्रेन यात्रा को सबसे सुरक्षित और आरामदायक माना जाता है. रोजाना करोड़ों लोग भारतीय रेलवे की ट्रेनों में सफर करते हैं. लंबे सफर के लिए ट्रेनें अधिकतर लोगों की पहली पसंद होती हैं. क्योंकि यह न केवल किफायती है. बल्कि समय पर पहुंचने का एक भरोसेमंद माध्यम भी है. हालांकि कभी-कभी ट्रेन में दुर्घटनाओं या अन्य अप्रत्याशित घटनाओं के कारण यात्रियों की जान चली जाती है. ऐसे मामलों में मुआवजे का प्रावधान होता है. लेकिन प्राकृतिक मृत्यु के मामलों में स्थिति अलग होती है.

ट्रेन में दुर्घटनाओं पर मुआवजा

भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई नियम बनाए हैं. यदि ट्रेन में किसी दुर्घटना के कारण किसी यात्री की मौत होती है और यह घटना रेलवे की गलती के कारण हुई हो, तो रेलवे पीड़ित परिवार को मुआवजा देने के लिए बाध्य होता है. उदाहरण के लिए अगर ट्रेन हादसा होता है, पटरी से उतरती है या अन्य किसी तकनीकी गड़बड़ी के कारण यात्री की जान जाती है, तो रेलवे मुआवजा देता है.

प्राकृतिक मृत्यु पर क्या कहता है रेलवे का नियम?

अगर ट्रेन में सफर के दौरान किसी यात्री की प्राकृतिक मृत्यु हो जाती है, तो रेलवे इसके लिए मुआवजा नहीं देता. प्राकृतिक मृत्यु में ऐसी स्थितियां आती हैं. जहां यात्री किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हो और उसी के कारण यात्रा के दौरान उसकी मृत्यु हो जाए. यह नियम इस आधार पर लागू किया गया है कि इस स्थिति में रेलवे की कोई गलती नहीं होती.

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यात्रियों की अपनी गलती पर मुआवजे का प्रावधान

रेलवे के नियमों के अनुसार, अगर यात्री की मौत उसकी खुद की गलती से होती है, तो भी मुआवजा नहीं दिया जाता. उदाहरण के तौर पर यदि कोई यात्री ट्रेन छूटने के डर से भागते हुए ट्रेन में चढ़ने की कोशिश करता है और गिरकर उसकी मौत हो जाती है, तो रेलवे इसके लिए जिम्मेदार नहीं माना जाएगा.

दुर्घटना और प्राकृतिक मृत्यु के बीच अंतर

रेलवे मुआवजे के प्रावधान में दुर्घटना और प्राकृतिक मृत्यु के बीच स्पष्ट अंतर करता है.

  • दुर्घटना के मामले में: जब रेलवे की लापरवाही या तकनीकी समस्या के कारण किसी यात्री की जान जाती है, तो मुआवजा दिया जाता है.
  • प्राकृतिक मृत्यु के मामले में: अगर यात्री की मौत किसी स्वास्थ्य समस्या या बीमारी के कारण होती है, तो इसे रेलवे की गलती नहीं माना जाता और मुआवजा नहीं दिया जाता.

मुआवजा पाने की प्रक्रिया

अगर ट्रेन हादसे में किसी यात्री की जान जाती है, तो मुआवजा पाने के लिए पीड़ित परिवार को एक विशेष प्रक्रिया का पालन करना होता है.

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  • घटना की रिपोर्ट दर्ज करानी होती है.
  • रेलवे से जुड़े संबंधित विभाग में आवेदन करना पड़ता है.
  • मृतक के परिजनों को अपनी पहचान और रिश्ते के दस्तावेज जमा करने होते हैं.
  • जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुआवजे की राशि जारी की जाती है.

यात्री सुरक्षा के लिए रेलवे की पहल

भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं. दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है और ट्रेनों की नियमित जांच की जा रही है. इसके अलावा यात्री कोच में मेडिकल सहायता की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है. ताकि आपात स्थिति में मदद मिल सके.

यात्रियों के लिए सावधानी और जिम्मेदारी

ट्रेन यात्रा के दौरान यात्रियों को भी अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए. कुछ बुनियादी बातों का ध्यान रखकर दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है:

  • अपने सामान को सही तरीके से व्यवस्थित रखें ताकि सफर के दौरान कोई परेशानी न हो.
  • चलती ट्रेन में चढ़ने या उतरने से बचें.
  • यात्रा से पहले अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह लें.

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