ATM Cash Withdrawal: अगर आप भी अक्सर एटीएम से पैसे निकासी करते हैं तो नई खबर आपके लिए चिंताजनक हो सकती है. भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को अनुमत पांच मुफ्त लेनदेन के बाद लगने वाले शुल्क में बढ़ोतरी की योजना बनाई है. इसका मतलब है कि आपको अधिक बार लेनदेन करने पर अधिक शुल्क देना पड़ सकता है.
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन का प्रस्ताव
हाल ही में, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने सुझाव दिया है कि कैश निकासी (ATM transaction fees) पर लगने वाले अधिकतम शुल्क को 21 रुपये से बढ़ाकर 22 रुपये कर दिया जाए. यह वृद्धि न केवल कैश ट्रांजैक्शन पर लागू होगी, बल्कि एटीएम इंटरचेंज फीस (Interchange fees) में भी बढ़ोतरी की गई है, जिससे बैंकों के बीच लेनदेन की लागत बढ़ेगी.
एटीएम इंटरचेंज शुल्क की व्याख्या
एटीएम इंटरचेंज शुल्क (ATM interchange charge) वह फीस होती है जो एक बैंक दूसरे बैंक के एटीएम का इस्तेमाल करने पर देता है. इस शुल्क की वजह से आम ग्राहकों पर वित्तीय बोझ बढ़ सकता है क्योंकि यह लागत आमतौर पर ग्राहकों से ही वसूली जाती है.
बढ़ती लागत का असर ग्रामीण और शहरी इलाकों पर
रिपोर्ट के मुताबिक, यह वृद्धि सिर्फ बड़े शहरों में ही नहीं बल्कि छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में भी लागू होगी. भारतीय रिजर्व बैंक ने इस बढ़ोतरी के लिए भारतीय बैंक संघ (IBA) के साथ मिलकर एक कमेटी बनाई है जिसमें बड़े बैंकों के प्रतिनिधि शामिल हैं.
बढ़ती महंगाई और लागत का मुख्य कारण
विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती महंगाई (Rising inflation) और ब्याज दरों में उच्चता, साथ ही साथ नकदी भरने की बढ़ी हुई लागत और अनुपालन खर्च बढ़ने के कारण एटीएम से संबंधित लागतें बढ़ रही हैं. ये सभी कारक बैंकों को अपने शुल्क बढ़ाने के लिए मजबूर कर रहे हैं.