Farming Business Idea: आजकल कई शिक्षित युवा खेती को एक लाभदायक व्यवसाय के रूप में अपना रहे हैं और अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर कृषि क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर रहे हैं. विशेष रूप से मूंग की खेती एक ऐसा व्यवसाय है. जिससे किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. बाजार में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है. जिससे यह फसल कृषि क्षेत्र में नए अवसर पैदा कर रही है.
स्वास्थ्य जागरूकता के कारण बढ़ रही है मूंग की मांग
कोरोना महामारी के बाद से लोग स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक हो गए हैं. प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों की मांग तेजी से बढ़ी है और मूंग एक ऐसा खाद्य उत्पाद है जो पोषण से भरपूर और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है. मूंग में मौजूद पोषक तत्व:
- कार्बोहाइड्रेट
- फेनोलिक एसिड
- फ्लेवोनोइड्स
- लिपिड
- एंटीमाइक्रोबियल और एंटीहाइपरटेंसिव गुण
ये सभी तत्व शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं और कई बीमारियों से बचाव करते हैं.
मूंग की खेती से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है
मूंग की खेती से न केवल मुनाफा होता है. बल्कि यह जमीन की उर्वरक क्षमता भी बढ़ाती है. यह फसल मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाने में सहायक होती है. जिससे अगली फसलों को भी फायदा होता है.
अधिक मुनाफे के लिए उन्नत किस्मों का करें चुनाव
यदि किसान बेहतर उत्पादन और अधिक मुनाफा चाहते हैं, तो उन्हें उन्नत किस्म की मूंग की फसल का चयन करना चाहिए. भारत में मूंग की कुछ उन्नत किस्में इस प्रकार हैं:
- एसएमएल 668
- आईपीएम 0203
- सम्राट
- विराट
इन किस्मों से बेहतर उत्पादन और गुणवत्तापूर्ण फसल प्राप्त की जा सकती है, जिससे किसानों को अधिक लाभ होगा.
भारत में दलहन उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत
भारत अभी भी दलहन उत्पादन में पूरी तरह आत्मनिर्भर नहीं हुआ है. ऐसे में मूंग की खेती किसानों के लिए एक शानदार अवसर हो सकती है. यह न केवल किसानों को अच्छा मुनाफा दे सकती है, बल्कि देश को भी दलहन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर सकती है.
मूंग की खेती के लिए आवश्यक तैयारी और सावधानियां
अगर आप मूंग की खेती करना चाहते हैं, तो कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं का ध्यान रखना जरूरी है.
खरपतवार नियंत्रण
- खेतों में खरपतवार नहीं होने चाहिए. क्योंकि इससे फसल पर बुरा असर पड़ सकता है.
सही समय पर बुवाई
- मूंग की बुवाई ठंड के मौसम के खत्म होते ही गर्मी की शुरुआत में करनी चाहिए.
- सही समय पर बुवाई से बेहतर उत्पादन प्राप्त होता है.
भूमि की तैयारी
- खेत को अच्छी तरह जोतकर तैयार करें.
- मिट्टी में सही मात्रा में नमी होनी चाहिए.
जल निकासी की व्यवस्था
- खेतों में जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए.
- ज्यादा पानी से फसल को नुकसान हो सकता है.
सिंचाई की आधुनिक तकनीक
- ड्रिप इरिगेशन प्रणाली का उपयोग करने से पानी की बचत होती है और फसल को पर्याप्त नमी मिलती है.
मूंग की खेती में कम लागत और अधिक मुनाफा
मूंग की खेती में लागत अन्य फसलों की तुलना में कम आती है. जबकि मुनाफा अधिक होता है. यदि किसान सही तकनीक और उन्नत खेती के तरीकों का पालन करें, तो वे कम समय में अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं. मूंग की फसल 60-70 दिनों में तैयार हो जाती है. जिससे किसानों को जल्दी लाभ मिल सकता है.
मूंग की खेती के अन्य फायदे
- जैविक खेती में मूंग की विशेष भूमिका होती है.
- मूंग की मांग पूरे वर्ष बनी रहती है.
- इसकी खेती से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है.
- कम लागत में बेहतर उत्पादन होता है.
- जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने में सहायक है.