Property Rule: इस साल के आम बजट में आपके लिए एक बड़ी खबर है जो आपके चेहरे पर मुस्कान लाने का वादा करती है. अब आप अपनी दो सेल्फ-ऑक्यूपाइड प्रॉपर्टी के लिए Nil Annual Value (निल एनुअल वैल्यू) का दावा कर सकते हैं, जिसका मतलब है कि टैक्स कंप्लायंस आसान होगी और आपकी जेब में अधिक पैसा बचेगा.
पुरानी व्यवस्था की तुलना में नई छूट
पहले अगर आपके पास एक से अधिक सेल्फ-ऑक्यूपाइड प्रॉपर्टी थी तो दूसरी प्रॉपर्टी पर टैक्स देना पड़ता था. यह टैक्स संभावित किराए की राशि के आधार पर तय किया जाता था जो कि अक्सर बड़ी राशि हो सकती थी. लेकिन अब इस नई नीति के तहत आप दूसरी सेल्फ-ऑक्यूपाइड प्रॉपर्टी पर कोई टैक्स नहीं देंगे जिससे आपका आर्थिक बोझ कम होगा.
विशेषज्ञों का मानना
रवि शंकर सिंह, जो कि कोलियर्स इंडिया में रेजिडेंशियल ट्रांजैक्शन सर्विसेज के एमडी हैं, बताते हैं कि पहले टैक्सपेयर्स को यह साबित करना पड़ता था कि उनकी दूसरी प्रॉपर्टी काम या बिजनेस कारणों से खाली है. लेकिन अब इन शर्तों को हटा देने से टैक्स संबंधी जटिलताएं कम हो गई हैं.
व्यावहारिक उदाहरण और टैक्स बचत
दिल्ली के चार्टर्ड अकाउंटेंट, मनोज पाहवा के अनुसार “अब काम के सिलसिले में दूसरी जगह रहने के लिए सबूत देने की जरूरत नहीं पड़ेगी. यह खासतौर पर उन प्रोफेशनल्स के लिए राहत है जो अलग-अलग शहरों में नौकरी कर रहे हैं.” इससे उन्हें अनावश्यक टैक्स भुगतान से छुटकारा मिलेगा और आर्थिक रूप से लाभ होगा.
रियल एस्टेट सेक्टर पर प्रभाव
इस नीति से न केवल व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स को फायदा होगा बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा. ANAROCK ग्रुप के चेयरमैन, अनुज पुरी का कहना है, “यह कदम होम ओनरशिप और प्राइमरी एवं सेकेंडरी हाउसिंग मार्केट में निवेश को बढ़ावा देगा, जिससे रियल एस्टेट बाजार में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.”
इस प्रकार की नीतियाँ आपके आर्थिक भार को कम करती हैं और निवेश के नए अवसर प्रदान करती हैं. यह बजट निश्चित रूप से कई लोगों के लिए राहत भरी खबर है, खासकर उनके लिए जिनके पास एक से अधिक सेल्फ-ऑक्यूपाइड प्रॉपर्टी है.