यूपी के इन जिलों से होकर निकलेगा 6 लेन का हाइवे, जमीन कीमतों में आएगा तगड़ा उछाल Superfast Expressway

Shivam Sharma
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Superfast Expressway: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने गोरखपुर-शामली हाईवे को पानीपत (हरियाणा) तक जोड़ने की योजना को मंजूरी दी है. यह हाईवे उत्तर प्रदेश के 15 जिलों को कवर करेगा और हरियाणा के औद्योगिक शहर पानीपत को सीधा जोड़ेगा. इस हाईवे का निर्माण छह लेन के प्रवेश नियंत्रित ग्रीनफील्ड हाईवे के रूप में किया जाएगा, जो विकास की एक नई कहानी लिखेगा.

700 किमी लंबा होगा हाईवे, 15 जिलों से होगा गुजराव

गोरखपुर से शुरू होकर यह हाईवे उत्तर प्रदेश के महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर और श्रावस्ती होते हुए बहराइच पहुंचेगा. इसके बाद यह लखनऊ और सीतापुर के उत्तर से होकर लखीमपुर, पीलीभीत, बरेली और मुरादाबाद के उत्तर से गुजरते हुए शामली पहुंचेगा. इसे पानीपत तक बढ़ाने के बाद इसकी कुल लंबाई करीब 700 किमी हो जाएगी.

टेक्सटाइल उद्योग से जुड़ेगा पिछड़ा क्षेत्र

पानीपत को उत्तर प्रदेश के इन जिलों से जोड़ने का निर्णय आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है. पानीपत, जिसे टेक्सटाइल उद्योग का हब माना जाता है. इस हाईवे के जरिए यूपी के पिछड़े क्षेत्रों से जुड़ेगा. यह कनेक्टिविटी व्यापार और उद्योग के विस्तार में सहायक होगी.

डीपीआर के लिए दिल्ली की फर्म का चयन

हाईवे की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए दिल्ली की आईसीटी फर्म को सलाहकार के रूप में चुना गया है. यह फर्म सीमांकन का कार्य करेगी और परियोजना की लागत का आकलन भी करेगी. डीपीआर तैयार होने के बाद निर्माण कार्य के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे.

कई पैकेज में होगा काम, तीन साल में होगा पूरा

एनएचएआई के अनुसार इस हाईवे का निर्माण कई चरणों में किया जाएगा. प्रत्येक चरण के तहत एक पैकेज निर्धारित होगा. जिसमें निर्माण कार्य को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा. योजना है कि इस परियोजना को तीन साल के भीतर पूरा कर लिया जाए.

यूपी के जिलों को मिलेगा व्यापार का फायदा

यह हाईवे उत्तर प्रदेश के अपेक्षाकृत पिछड़े जिलों को औद्योगिक क्षेत्रों से जोड़ने का काम करेगा. इससे इन जिलों में व्यापार और निवेश के नए अवसर पैदा होंगे. हाईवे से बेहतर कनेक्टिविटी के चलते कृषि उत्पादों और अन्य वस्तुओं का परिवहन आसान और तेज होगा.

ग्रीनफील्ड हाईवे

यह हाईवे ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के तहत बनेगा. जिसका अर्थ है कि यह नए भूखंडों पर बनाया जाएगा. जिससे पहले से मौजूद सड़कों पर दबाव नहीं पड़ेगा. इसके निर्माण में आधुनिक तकनीकों और पर्यावरणीय मानकों का विशेष ध्यान रखा जाएगा.

सीमांकन और लागत का आकलन

आईसीटी फर्म हाईवे की लंबाई और सीमाओं का सीमांकन करेगी. इसके साथ ही लागत का अनुमान लगाकर एनएचएआई को प्रस्तुत करेगी. इसके आधार पर निर्माण कार्य के लिए आवश्यक संसाधन जुटाए जाएंगे.

हाईवे का आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

इस हाईवे से जुड़ने वाले जिलों को आर्थिक लाभ के साथ-साथ सामाजिक लाभ भी मिलेगा. बेहतर सड़कों से शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच आसान होगी. यह परियोजना रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी. जिससे स्थानीय युवाओं को फायदा मिलेगा.

हरियाणा और यूपी के बीच मजबूत संपर्क

पानीपत तक हाईवे को जोड़ने का निर्णय हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच संपर्क को मजबूत करेगा. दोनों राज्यों के व्यापार और उद्योग को इस कनेक्टिविटी से गति मिलेगी.

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