हरियाणा में यहां दिल के मरीजों का होता है मुफ्त इलाज, मरीजों की होती है विशेष देखभाल HEART PATIENT FREE TREATMENT

Shivam Sharma
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HEART PATIENT FREE TREATMENT: भारत में हर साल करीब 2.4 लाख बच्चे दिल की बीमारी के साथ जन्म लेते हैं. जन्मजात हृदय रोग (Congenital Heart Disease) से पीड़ित इन बच्चों के लिए समय पर इलाज और सर्जरी की आवश्यकता होती है, लेकिन कई बार आर्थिक स्थिति और जागरूकता की कमी के कारण बच्चों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता. ऐसे में हरियाणा के पलवल स्थित श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल इन बच्चों और उनके परिवारों के लिए वरदान साबित हो रहा है.

श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल: नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा

पलवल के बघोला में स्थित यह अस्पताल गरीब परिवारों के लिए एक उम्मीद की किरण है. यहां बच्चों के दिल की बीमारियों का इलाज, दवा, जांच और सर्जरी पूरी तरह से नि:शुल्क की जाती है. इस अस्पताल में न केवल मरीज का इलाज होता है. बल्कि उनके माता-पिता के ठहरने और भोजन का भी मुफ्त प्रबंध किया जाता है. यह सुविधा आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को बड़ा सहारा देती है.

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल

श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल में बच्चों के दिल के रोगों के इलाज के लिए अत्याधुनिक उपकरण और तकनीक उपलब्ध हैं. अस्पताल में इनवेसिव और नॉन-इनवेसिव दोनों प्रकार की सर्जरी की जाती है. इस अस्पताल में उपलब्ध चिकित्सा सुविधाएं किसी मल्टी-सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से कम नहीं हैं.

लाखों बच्चों को मिला जीवनदान

अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर, डॉ. सी. श्रीनिवास के अनुसार अब तक इस अस्पताल में लाखों बच्चों का इलाज और 12,000 से अधिक दिल की सर्जरी सफलतापूर्वक की जा चुकी है. इस अस्पताल ने भारत के हर कोने से आए मरीजों को न केवल इलाज बल्कि एक नई जिंदगी दी है.

महिलाओं की भी हो रही देखभाल

पिछले दो वर्षों से अस्पताल में महिलाओं की डिलीवरी भी नि:शुल्क की जा रही है. यह पहल ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं के लिए एक बड़ी राहत है. अलग-अलग राज्यों से महिलाएं यहां डिलीवरी के लिए आ रही हैं. जहां उन्हें बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाती हैं.

मरीजों के अनुभव

बिहार से अपनी बेटी के इलाज के लिए आई मालिया ने बताया, “मेरी बेटी के दिल में छेद था. यहां उसका इलाज नि:शुल्क हुआ और अब वह पूरी तरह स्वस्थ है. अस्पताल की सभी सुविधाएं बेहतरीन हैं और हमें किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई.”

उत्तराखंड के तारा जिनकी बेटी का इलाज भी इस अस्पताल में हुआ, कहते हैं. “यह अस्पताल गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. यहां निशुल्क इलाज से मेरी बेटी को नया जीवन मिला.”

हरियाणा के मोहम्मद युनूस का भी यही अनुभव रहा. उन्होंने बताया कि अस्पताल ने उनके दिल की बीमारी का इलाज मुफ्त में किया और अब वे पूरी तरह स्वस्थ हैं.

भारत में हृदय रोगों की स्थिति

आंकड़ों के अनुसार भारत में हर साल 2.4 लाख बच्चे दिल की बीमारियों के साथ पैदा होते हैं. इनमें से कई मामलों में बीमारी की जानकारी समय पर नहीं मिल पाती. जिससे स्थिति गंभीर हो जाती है. ग्रामीण इलाकों में जागरूकता और चिकित्सा सेवाओं की कमी के कारण समय पर इलाज कराना मुश्किल हो जाता है. निजी अस्पतालों में दिल की बीमारियों का इलाज बेहद महंगा होने के कारण यह आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए चुनौती बन जाता है.

अस्पताल कैसे कर रहा है बदलाव?

श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल जैसे संस्थान भारत में स्वास्थ्य सेवा में एक बड़ा बदलाव ला रहे हैं. यह अस्पताल न केवल आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को इलाज की सुविधा दे रहा है. बल्कि जागरूकता फैलाने और ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने का भी काम कर रहा है.

घर जैसा माहौल

अस्पताल में मरीजों और उनके परिजनों के ठहरने और खाने की पूरी व्यवस्था की गई है. यह पहल परिवारों के लिए बड़ी राहत है, जो इलाज के दौरान आर्थिक बोझ से परेशान रहते हैं. यहां का वातावरण मरीजों को घर जैसा अहसास देता है. जिससे उनका मानसिक तनाव भी कम होता है.

भारत के अन्य शहरों में भी ऐसी पहल

पलवल के अलावा, श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल रायपुर और नवी मुंबई में भी स्थित हैं. इन अस्पतालों में भी बच्चों के दिल की बीमारियों का इलाज मुफ्त में किया जाता है. यह पहल भारत में स्वास्थ्य सेवाओं में समानता लाने और जरूरतमंद परिवारों की मदद करने की दिशा में बड़ा कदम है.

दिल के रोगों के इलाज में जागरूकता की जरूरत

भारत में दिल की बीमारियों के मामलों को देखते हुए जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है. खासकर ग्रामीण इलाकों में, जहां लोग बीमारी के लक्षणों को समय पर नहीं समझ पाते. सरकारी और निजी संस्थानों को मिलकर इस दिशा में काम करना चाहिए ताकि समय पर सही इलाज उपलब्ध कराया जा सके.

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