Haryana News: हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के लोगों के लिए एक बड़ी धार्मिक खुशखबरी सामने आई है। जिले में स्थित 200 साल पुराने मोदाश्रम मंदिर के नवनिर्माण की प्रक्रिया विधिवत रूप से आरंभ कर दी गई है। इस ऐतिहासिक मंदिर को अब आधुनिक स्थापत्य के साथ और भी विशाल व सुविधाजनक बनाया जाएगा। मंदिर का विस्तार श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और धार्मिक महत्व को देखते हुए किया जा रहा है।
भूमि पूजन के साथ हुआ शुभारंभ
मंदिर नवनिर्माण के पहले चरण की शुरुआत भव्य भूमि पूजन समारोह से की गई। इस अवसर पर कई संत-महात्माओं ने भजन-कीर्तन के साथ आध्यात्मिक माहौल को भक्तिमय बना दिया। भूमि पूजन में ‘हर हर महादेव’ के जयघोष के साथ मंदिर की नींव रखी गई। मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।
मंदिर का आकार और लागत
मोदाश्रम मंदिर के नवनिर्माण में करीब 4 करोड़ रुपये की लागत आएगी। मंदिर का नया ढांचा 90 फीट लंबा और 63 फीट चौड़ा होगा। यह निर्माण कार्य मंदिर की वर्तमान स्थिति और श्रद्धालुओं की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
दो वर्षों में पूरा होगा निर्माण कार्य
मंदिर समिति के अनुसार, इस निर्माण कार्य को पूरा करने में लगभग दो वर्ष का समय लगेगा। हालांकि आने वाली शिवरात्रि तक पहले चरण का कार्य पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं को आंशिक सुविधाएं शीघ्र मिल सकें।
शिवरात्रि पर लगता है भव्य मेला
मोदाश्रम मंदिर की विशेषता यह है कि यहां साल में दो बार भव्य मेला आयोजित होता है, विशेषकर महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर। इस मौके पर हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं, भंडारा, कीर्तन और रात्रि जागरण का आयोजन होता है।
51 फीट ऊंची शिव प्रतिमा होगी आकर्षण का केंद्र
मोदाश्रम मंदिर समिति की योजना है कि मंदिर परिसर के अंतर्गत 2 एकड़ भूमि में ‘शिव पार्क’ का भी विकास किया जाए। इस पार्क की विशेषता होगी भगवान शिव की 51 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा, जो श्रद्धालुओं के लिए एक असाधारण आध्यात्मिक अनुभव का केंद्र बनेगी।
भक्तों की सुविधाओं का रखा जा रहा है पूरा ध्यान
नवनिर्मित मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगे। इसमें शामिल हैं
- पार्किंग क्षेत्र
- स्वच्छ जल और शौचालय व्यवस्था
- बैठने के लिए पक्के शेड
- भजन-कीर्तन के लिए ओपन स्टेज
- प्रसाद वितरण केंद्र
- सीसीटीवी व सुरक्षा प्रबंध
इस तरह से मंदिर केवल पूजा का स्थान नहीं, बल्कि एक समर्पित और सुव्यवस्थित धार्मिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
सांस्कृतिक और सामाजिक समर्पण का प्रतीक
मोदाश्रम मंदिर का नवनिर्माण न केवल एक धार्मिक कार्य है, बल्कि यह सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और सामाजिक सहभागिता का प्रतीक भी बन चुका है। यहां के कार्यों में समाज के सभी वर्गों की सहभागिता देखी जा रही है।
धार्मिक आस्था का नया अध्याय
महेंद्रगढ़ का मोदाश्रम मंदिर अब एक आधुनिक धार्मिक स्थल के रूप में अपने पुनर्जन्म की ओर बढ़ रहा है। यह मंदिर न केवल भक्तों की आस्था को मजबूती देगा, बल्कि स्थानीय संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक आयोजनों को भी नया आयाम प्रदान करेगा।