Bussiness Idea: जिले के किसानों ने अपनी आय में वृद्धि के लिए पारंपरिक खेती को त्याग कर नगदी फसलों की ओर रुख किया है. इसके साथ ही वे मधुमक्खी पालन बकरी पालन और मुर्गी पालन जैसी अन्य आयामी गतिविधियों में भी संलग्न हो गए हैं, जिससे उनकी कमाई में सुधार हो रहा है. साथ ही सरकार द्वारा भी ऐसी विविध योजनाएं शुरू की गई हैं जो किसानों की आय बढ़ोतरी में सहायक सिद्ध हो रही हैं.
सरकारी प्रशिक्षण और सब्सिडी की पेशकश
किसानों को उनकी आय बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा प्रशिक्षण के साथ-साथ बंपर सब्सिडी भी दी जा रही है. फिलहाल सारण जिले के 30 किसानों को ‘आत्मा सारण’ योजना के तहत मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे वे इस क्षेत्र में सफल होकर बेहतर कमाई कर सकें.
मधुमक्खी पालन से किसानों की बढ़ती आय
लोकल प्रशिक्षक प्रदीप कुमार के अनुसार, वे पिछले 4 वर्षों से सारण में मधुमक्खी पालन कर अच्छी कमाई कर रहे हैं. दिसंबर से मार्च तक के समय में, जब सरसों, लीची, आम के फूल खिलते हैं, मधुमक्खियाँ उनसे रस निकालकर शहद तैयार करती हैं. इस सीजन में मधुमक्खी पालन कर किसान कम खर्च में अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं.
प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता
तकनीकी प्रबंधक रवि प्रकाश सिंह ने बताया कि ‘आत्मा सारण’ के तहत चल रहे कौशल विकास योजना के अंतर्गत किसानों को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रशिक्षण में शामिल किसानों को मधुमक्खी पालने की प्रायोगिक जानकारी देने के लिए स्थानीय मधुमक्खी पालकों के फार्म पर ले जाया जाता है, जहां वे वास्तविक परिस्थितियों में शहद निर्माण की प्रक्रिया को समझ सकते हैं.
इस प्रकार, सारण जिले के किसानों ने पारंपरिक खेती के तरीकों को छोड़कर नवीन और लाभकारी विकल्पों को अपनाकर अपनी आय में न केवल बढ़ोतरी की है बल्कि एक स्थायी और विकसित खेती की दिशा में भी कदम बढ़ाया है.