EMI Bounce New Rules: जीवन में कभी न कभी आर्थिक संकट से हर किसी को दो-चार होना पड़ता है। ऐसे समय में बैंक से लिया गया लोन बड़ी राहत प्रदान कर सकता है। परंतु जब लोन की किस्तें समय पर अदा नहीं की जातीं और लोन डिफॉल्ट हो जाता है। तो यह एक गंभीर समस्या बन जाती है।
हाईकोर्ट का निर्णय लोन डिफॉल्टर्स के लिए राहत
हाल ही में, बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। जिसमें कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पास लोन डिफॉल्टर्स के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। इस फैसले से उन लोगों को बड़ी राहत मिली है जो आर्थिक कारणों से अपनी किस्तें समय पर चुका नहीं पाए हैं।
लुकआउट सर्कुलर की परिभाषा और उपयोग
लुकआउट सर्कुलर एक ऐसा आदेश है जो व्यक्ति को देश छोड़कर विदेश जाने से रोकता है। यह आदेश उन व्यक्तियों के खिलाफ जारी किया जाता है, जिनकी देश छोड़ने की आशंका होती है, जैसे कि गंभीर अपराधों के आरोपी। परंतु हाल के वर्षों में बैंकों ने भी लोन डिफॉल्टर्स के खिलाफ यह इश्तिहार जारी करना शुरू कर दिया था।
कोर्ट का निर्णय और इसका महत्व
बॉम्बे हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सरकारी नीति को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि लोन डिफॉल्ट अपने आप में कोई अपराध नहीं है और इस आधार पर व्यक्तिगत स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करना उचित नहीं है। यह फैसला विशेषकर उन व्यक्तियों के लिए राहत लेकर आया है जो आर्थिक समस्याओं के कारण अपने लोन की किस्तें नहीं चुका पाए हैं।
आगे की राह
इस फैसले के बाद अब बैंकों को और अधिक सावधानी और न्यायपूर्ण तरीके से कदम उठाने होंगे। यह फैसला न केवल लोन डिफॉल्टर्स के लिए बल्कि समस्त आर्थिक क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता और आर्थिक जिम्मेदारियों के बीच संतुलन स्थापित करता है।