हरियाणा डिस्टेंस कोर्स करने वालों के लिए खुशखबरी, होम डिस्ट्रिक्ट में दे सकेंगे एग्जाम Distance Course Rules

Shiv Shankar
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Distance Course Rules: हरियाणा में उच्च शिक्षा को लेकर एक बड़ा बदलाव सामने आया है। अब तक राज्य विश्वविद्यालय (State Universities) अपने क्षेत्राधिकार के केवल दो या तीन जिलों में ही डिस्टेंस एजुकेशन (Distance Education) के कोर्स चला सकते थे, लेकिन अब यह व्यवस्था पूरी तरह बदल दी गई है। नई व्यवस्था के तहत अब राज्य भर के किसी भी जिले का छात्र किसी भी राज्य विश्वविद्यालय में दाखिला लेकर अपने ही जिले में पढ़ाई और परीक्षा दे सकेगा।

UGC के नियमों के अनुसार लिया गया निर्णय

हरियाणा उच्चतर शिक्षा निदेशालय (Directorate of Higher Education Haryana) ने यूजीसी (UGC) के डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो-2020 रेगुलेशन का हवाला देते हुए यह व्यवस्था लागू की है। इसमें राज्य के अंदर “ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग” (ODL) की ज्यूरिडिक्शन यानी अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने की बात कही गई है। इससे अब राज्य के करीब 10 से 12 लाख विद्यार्थियों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जिन्हें पहले सीमित विवि क्षेत्रों में पढ़ाई करने की बाध्यता थी।

अब तक कैसे होती थी पढ़ाई और परीक्षा

अब तक हरियाणा के विश्वविद्यालय अपने सीमित क्षेत्र के संबद्ध कॉलेजों में ही डिस्टेंस कोर्स चलाते थे। छात्रों को पढ़ाई और परीक्षा दोनों के लिए उस विश्वविद्यालय के संबद्ध कॉलेज तक जाना पड़ता था। 2012 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उस समय की शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने सभी स्टडी सेंटर्स को बंद करवा दिया था। इसके बाद से ही छात्र और शिक्षकों द्वारा लंबे समय से मांग उठाई जा रही थी कि प्रदेश भर के छात्रों को समान अवसर दिए जाएं।

छात्रों की वर्षों पुरानी मांग अब पूरी होगी

स्टडी सेंटर्स बंद होने के बाद छात्रों को सीमित संस्थानों में ही पढ़ाई करने का अवसर मिल रहा था। जिससे कई बार उन्हें लंबी दूरी तय कर परीक्षा केंद्र तक जाना पड़ता था, खासकर ग्रामीण और दूरदराज के छात्रों को अधिक परेशानी झेलनी पड़ती थी। नई व्यवस्था लागू होने से अब छात्र अपने ही जिले में पढ़ाई और परीक्षा दे पाएंगे, जिससे उन्हें समय और खर्च दोनों की बचत होगी।

वर्ष 2021 में बनी थी सुझाव समिति

इस बदलाव के लिए वर्ष 2021 में राज्य सरकार की ओर से एक कमेटी का गठन किया गया था। इस समिति में हरियाणा के तीन प्रमुख विश्वविद्यालयों-कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (KUK), गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय हिसार (GJU) और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक (MDU) के डिस्टेंस लर्निंग डायरेक्टर्स को शामिल किया गया। साथ ही हरियाणा उच्चतर शिक्षा परिषद (Haryana Higher Education Council) के चेयरमैन को इसका अध्यक्ष बनाया गया।

ऑनलाइन और ऑफलाइन चर्चाओं के बाद बनी सहमति

समिति की ओर से इस विषय पर ऑनलाइन और ऑफलाइन कई चरणों में वार्ता की गई। इसके अलावा प्रदेशभर के कुलपतियों की बैठकों में भी इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई। हाल ही में आयोजित कबीर कुटिया बैठक में भी इस पर निर्णय लिया गया, जिसके बाद अब यह नीति अमल में लाई गई है। इससे यह तय हो गया है कि राज्य के किसी भी छात्र को क्षेत्राधिकार की वजह से उच्च शिक्षा से वंचित नहीं रहना पड़ेगा।

शिक्षा के विस्तार की दिशा में ऐतिहासिक फैसला

यह फैसला राज्य में शिक्षा के स्तर को नई दिशा देने वाला है। इससे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को भी उच्च शिक्षा में आसानी होगी। राज्य में कई ऐसे छात्र हैं जो आर्थिक या भौगोलिक कारणों से नियमित कॉलेज में दाखिला नहीं ले पाते। अब डिस्टेंस एजुकेशन का दायरा बढ़ने से ये छात्र भी बिना जगह बदले अपने जिले में रहकर उच्च शिक्षा हासिल कर सकेंगे।

डिजिटल युग के लिए अनुकूल व्यवस्था

नई व्यवस्था डिजिटल युग की आवश्यकताओं के अनुरूप है। अब छात्रों को ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म, ऑनलाइन असाइनमेंट सबमिशन, और स्थानीय स्तर पर परीक्षा केंद्र जैसी सुविधाएं मिलेंगी। इससे न केवल शिक्षा में भागीदारी बढ़ेगी, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा।

छात्रों के लिए सुनहरा अवसर

हरियाणा में डिस्टेंस एजुकेशन को लेकर लिया गया यह फैसला छात्रों के लिए एक नई राह खोलने वाला है। इससे न केवल शिक्षा की पहुंच बढ़ेगी, बल्कि पढ़ाई में आने वाली भौगोलिक बाधाएं भी समाप्त होंगी। सरकार और उच्च शिक्षा विभाग के इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि वे छात्रों की सुविधा और भविष्य के प्रति गंभीर हैं।

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