Married Woman Property Rules: भारत में प्रोपर्टी के बंटवारे को लेकर अक्सर विवाद उत्पन्न होते हैं। ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए समय-समय पर संविधान में नियमों और कानूनों को संशोधित किया जाता है। आज हम बहू के ससुर की प्रोपर्टी में हक के बारे में विस्तार से जानेंगे। जिससे संपत्ति संबंधी उलझनों को दूर किया जा सके।
भारतीय संविधान में महिलाओं के अधिकार
भारतीय संविधान ने महिलाओं की सुरक्षा और उनके हक के लिए कई कानून बनाए हैं। इन कानूनों के अंतर्गत महिलाओं को उनके पति के साथ घर में रहने का अधिकार मिलता है। जिसमें गुजारा भत्ता और शारीरिक व मानसिक हिंसा से सुरक्षा भी शामिल है। यह अधिकार पति की संपत्ति में पत्नी के हिस्से को भी प्रभावित करता है और अक्सर इसी के चलते विवाद की स्थिति बनती है।
बहू की अपनी संपत्ति पर पूरा अधिकार
संविधान के अनुसार, अगर बहू के पास खुद की संपत्ति है, तो उसे शादी के बाद भी उस संपत्ति पर पूरा अधिकार रहता है। यह अधिकार उसे स्वतंत्र रूप से अपनी संपत्ति को संचालित करने का विकल्प देता है। चाहे वह संपत्ति जमीन हो, मकान हो, पैसे हों या गहने, महिला को उस पर पूर्ण अधिकार होता है।
ससुराल की संपत्ति में बहू के अधिकार की स्थिति
आम तौर पर, बहू को अपने ससुर की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होता है। संविधान के नियमों के तहत, ससुर की मृत्यु के बाद भी बहू संपत्ति पर कोई दावा नहीं कर सकती है और यह हक सीधे तौर पर उसके पति को जाता है। इसमें विशेष रूप से तब तक ही बेटा अपने माता-पिता की संपत्ति में रह सकता है, जब तक कि माता-पिता की अनुमति हो।