Eletricity Subsidy: हरियाणा सरकार ने बिजली दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की है जिससे राज्य के 81 लाख परिवारों पर आर्थिक बोझ पड़ने की संभावना है. इस बढ़ोतरी के साथ, ट्यूबवेल के लिए यूनिट दर 6 रुपये 48 पैसे से बढ़कर 7 रुपये 35 पैसे कर दी गई है. इस बदलाव से जहाँ एक ओर आम नागरिकों में चिंता की लहर है वहीं किसान समुदाय के लिए कुछ राहत की खबर भी है.
किसानों के लिए सब्सिडी का प्रावधान
सरकार ने किसानों को बिजली के बढ़े हुए दरों से राहत देने के लिए एक विशेष सब्सिडी योजना की घोषणा की है. ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए बिजली दर बढ़ने के बावजूद, किसानों को बिजली 10 पैसे प्रति यूनिट की दर से मिलती रहेगी. सरकार बाकी बचे 7 रुपये 25 पैसे प्रति यूनिट को बिजली निगमों को सब्सिडी के रूप में देगी जिससे किसानों को सालाना 6 हजार 718 करोड़ रुपये की बड़ी राहत मिलेगी.
बिजली दर बढ़ोतरी का असर
इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण बिजली उत्पादन की लागत में बढ़ोतरी और बिजली खरीद मूल्य में इजाफा बताया जा रहा है. बिजली की बढ़ती दरें न केवल घरेलू बजट पर असर डालेंगी, बल्कि छोटे उद्योगों पर भी इसकी मार पड़ेगी. ऐसे में सरकार की यह कोशिश है कि बिजली सब्सिडी के माध्यम से किसानों को कुछ सहायता दी जा सके.
सब्सिडी का लंबे समय तक असर
विशेषज्ञों का कहना है कि सब्सिडी देने की यह व्यवस्था कृषि क्षेत्र के लिए तो लाभकारी है, लेकिन इसके लंबे समय तक असर पर भी विचार करना जरूरी है. सब्सिडी के कारण सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ता है और इसका मतलब है कि अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश कम हो सकता है. इसलिए, यह जरूरी है कि सब्सिडी को देते समय एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाया जाए.