Employee News हरियाणा सरकार ने अपने राज्य के कच्चे कर्मचारियों के बाद अब एक्सटेंशन और गेस्ट लेक्चरर्स के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है, जिसके अंतर्गत उनकी नौकरी को सेवानिवृत्ति आयु तक सुरक्षित किया गया है. इस फैसले से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अस्थायी रूप से कार्यरत व्याख्याताओं को बड़ी राहत और स्थिरता दी गई है.
नोटिफिकेशन जारी
हरियाणा सरकार के विधि व विधायी विभाग के विशेष सचिव, अमरजीत सिंह ने इस संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी किया है. इस नोटिफिकेशन के अनुसार, विधानसभा द्वारा पिछले वर्ष नवंबर में पास किए गए विधेयक के बाद, अब इन कर्मचारियों को 58 वर्ष की आयु तक नौकरी से नहीं हटाया जा सकेगा.
अतिथि विद्वानों को मिलेगा समान अधिकार
सरकार के इस फैसले के अनुसार, जिन एक्सटेंशन और गेस्ट लेक्चरर्स ने 15 अगस्त 2024 तक कम से कम 5 साल की सेवा पूरी कर ली है, उन्हें अब स्थायी प्राध्यापकों की तर्ज पर महंगाई भत्ता दिया जाएगा. यह भत्ता हर साल जनवरी और जुलाई में बढ़ाया जाएगा. इसके अलावा, उन्हें चिरायु योजना, मृत्यु सह सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी, मातृत्व लाभ और एक्सग्रेसिया का लाभ भी प्रदान किया जाएगा.
कुछ प्राध्यापकों को नहीं मिलेगा लाभ
इस नई नीति का लाभ उन प्राध्यापकों को नहीं मिलेगा जिनकी उम्र पहले ही 58 वर्ष हो चुकी है या जिन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है. इस नीति के अंतर्गत राज्य के राजकीय महाविद्यालयों में करीब 2 हजार एक्सटेंशन लेक्चरर और 46 गेस्ट लेक्चरर शामिल हैं.
अन्य शिक्षकों के लिए भी सुरक्षा की उम्मीद
हरियाणा सरकार अब विश्वविद्यालयों में कार्यरत करीब 1400 से ज्यादा अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों के लिए भी इसी तरह की नौकरी सुरक्षा पर विचार कर रही है. यह विचारणीय है कि अगर यह नीति विस्तारित होती है, तो उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अधिक स्थिरता और समर्थन सुनिश्चित हो सकेगा, जो शिक्षा की गुणवत्ता को भी प्रभावित करेगा.