Holiday News: हरियाणा सरकार ने रविवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए 5 फरवरी को सभी सार्वजनिक कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, बोर्ड और निगमों में सवैतनिक अवकाश की घोषणा की है. यह कदम दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उठाया गया है. इस अवकाश का मुख्य उद्देश्य दिल्ली में पंजीकृत हरियाणा सरकार के कर्मचारियों को मतदान करने की सुविधा प्रदान करना है. सरकार ने इसके लिए एक आधिकारिक बयान जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि यह प्रावधान परक्राम्य लिखत अधिनियम 1881 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत लागू होगा.
किन कर्मचारियों को मिलेगा यह अवकाश?
हरियाणा सरकार के इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा उन कर्मचारियों को मिलेगा. जो दिल्ली के पंजीकृत मतदाता हैं. इसमें सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ निजी क्षेत्र के कर्मचारी भी शामिल हैं. आधिकारिक बयान के अनुसार हरियाणा में कारखानों, दुकानों और निजी प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारी, जो दिल्ली के मतदाता हैं. उन्हें भी इस दिन सवैतनिक अवकाश का अधिकार होगा. इसका मतलब है कि इन कर्मचारियों को बिना वेतन कटौती के मतदान करने का पूरा अवसर मिलेगा.
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख और महत्व
दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान 5 फरवरी को होगा और नतीजों की घोषणा 8 फरवरी को की जाएगी. यह चुनाव दिल्ली के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. क्योंकि इससे राज्य की सरकार का गठन होगा. हरियाणा सरकार का यह कदम इस बात को दर्शाता है कि वह लोकतंत्र के इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया में हर नागरिक की भागीदारी सुनिश्चित करना चाहती है.
दिल्ली के बाजारों पर भी रहेगा ताला
दिल्ली में मतदान के दिन सिर्फ सरकारी कार्यालय ही नहीं. बल्कि सभी बाजार भी बंद रहेंगे. चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने इस संबंध में एक बयान जारी करते हुए कहा है कि 5 फरवरी को दिल्ली के सभी 700 बाजार बंद रहेंगे. CTI के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने कहा कि व्यापारियों को चुनाव आयोग और श्रम विभाग के आदेशों का पालन करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई दुकान या कारखाना खोला जाता है, तो कर्मचारियों को सवेतन अवकाश दिया जाना चाहिए और उनके वेतन में कोई कटौती नहीं की जानी चाहिए.
क्या कहा गया है खुदरा दुकानदारों के लिए?
CTI के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने यह भी स्पष्ट किया कि खुदरा क्षेत्र के दुकानदार मतदान करने के बाद शाम को अपनी दुकानें खोल सकते हैं. हालांकि उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि अगर कोई दुकान या कारखाना खोला जाता है, तो कर्मचारियों को सवेतन अवकाश देना अनिवार्य होगा. इसका मतलब है कि व्यापारियों को अपने कर्मचारियों के अधिकारों का ध्यान रखना होगा और उन्हें मतदान करने का पूरा मौका देना होगा.
क्यों जरूरी है यह अवकाश?
मतदान लोकतंत्र का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है और हर नागरिक का यह अधिकार है कि वह अपने मताधिकार का प्रयोग करे. हरियाणा सरकार का यह कदम इस बात को सुनिश्चित करता है कि दिल्ली के पंजीकृत मतदाता बिना किसी रुकावट के अपना वोट डाल सकें. इससे न सिर्फ मतदान प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है. बल्कि यह लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है.
क्या होगा अगर नियमों का पालन नहीं किया गया?
चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई दुकान या कारखाना मतदान के दिन खोला जाता है और कर्मचारियों को सवेतन अवकाश नहीं दिया जाता है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. ऐसे में व्यापारियों और कारखाना मालिकों को चुनाव आयोग और श्रम विभाग के नियमों का पालन करना होगा. अगर कोई नियम तोड़ता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.