Employees Leave Rules: राज्य सरकार ने अपने 8.5 लाख कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है. 1 फरवरी 2025 से छुट्टी और सेवा से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं को पूरी तरह ऑनलाइन करना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके तहत अब मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से ही छुट्टी के लिए आवेदन, जॉइनिंग, रिलीविंग और सेवा पुस्तिका से जुड़े कार्य किए जाएंगे.
मानव संपदा पोर्टल
मानव संपदा पोर्टल राज्य कर्मचारियों के लिए डिजिटलीकरण की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है. इस पोर्टल के जरिए कर्मचारी बाल्य देखभाल अवकाश (चाइल्ड केयर लीव) के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा, किसी कर्मचारी के ट्रांसफर होने पर नई जगह जॉइनिंग और पुरानी जगह से रिलीविंग की प्रक्रिया भी यहीं से पूरी होगी.
2025 से ऑफलाइन प्रक्रिया का होगा अंत
शासन ने पहले भी कई बार राज्य कर्मियों को निर्देश जारी किए थे कि वे छुट्टी और अन्य प्रक्रियाओं के लिए मानव संपदा पोर्टल का उपयोग करें. लेकिन, यह देखने में आया कि कई विभाग इन निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं या केवल आंशिक रूप से ही पालन कर रहे हैं. इसलिए 2025 से ऑफलाइन प्रक्रिया को पूरी तरह समाप्त करने का निर्णय लिया गया है.
ऑनलाइन प्रक्रिया न अपनाने पर दंड का प्रावधान
ऑनलाइन प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं. जो विभाग, अधिकारी या कर्मचारी इन प्रक्रियाओं का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान किया गया है. यह कदम कर्मचारियों को नई व्यवस्था के तहत काम करने के लिए प्रेरित करेगा और डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देगा.
कर्मचारियों के लिए क्या है नई व्यवस्था?
- छुट्टी के लिए ऑनलाइन आवेदन: सभी प्रकार की छुट्टी जैसे सामान्य अवकाश, चिकित्सा अवकाश और बाल्य देखभाल अवकाश के लिए मानव संपदा पोर्टल के जरिए ही आवेदन किया जा सकेगा.
- जॉइनिंग और रिलीविंग प्रक्रिया: ट्रांसफर होने पर कर्मचारी को नई जगह जॉइनिंग और पुरानी जगह से रिलीविंग भी ऑनलाइन करनी होगी.
- सेवा पुस्तिका ऑनलाइन: कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका को भी पूरी तरह से डिजिटल किया जाएगा, जिससे उनकी पूरी सेवा से जुड़ी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध रहेगी.
ऑनलाइन प्रक्रियाएं
राज्य सरकार की यह पहल न केवल प्रक्रियाओं को सरल बनाएगी, बल्कि इससे पारदर्शिता भी बढ़ेगी.
- समय की बचत: ऑनलाइन प्रक्रियाएं ऑफलाइन कागजी कार्रवाई की तुलना में तेजी से पूरी होंगी.
- पारदर्शिता: सभी आवेदन और प्रक्रियाएं रिकॉर्ड में रहेंगी, जिससे गड़बड़ी की संभावना कम होगी.
- कर्मचारियों की सुविधा: कर्मचारी अपने आवेदन को ट्रैक कर सकेंगे और उन्हें बार-बार कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे.
विभागों के लिए यह कदम क्यों है जरूरी?
कई विभाग अब भी पारंपरिक तरीके से काम कर रहे हैं, जिससे प्रक्रिया में देरी और भ्रष्टाचार की संभावना बढ़ जाती है. यह कदम सभी विभागों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने और सरकारी कामकाज को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में अहम है.
1 फरवरी के बाद क्या बदल जाएगा?
- छुट्टी की मंजूरी: अब छुट्टी के लिए आवेदन केवल मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से ही किया जा सकेगा.
- ट्रांसफर प्रक्रिया: नई जगह पर जॉइनिंग और पुरानी जगह से रिलीविंग की प्रक्रिया डिजिटल होगी.
- दंडात्मक कार्रवाई: जो कर्मचारी या विभाग ऑनलाइन प्रक्रिया का पालन नहीं करेंगे, उन पर दंड लगाया जाएगा.
कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए सरकार का संदेश
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह बदलाव कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए किया गया है. सभी विभागों को इस बदलाव के लिए तैयारी करने और 1 फरवरी से पहले अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने की सिफारिश की गई है.
डिजिटल परिवर्तन की दिशा में बड़ा कदम
यह पहल राज्य सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन के तहत एक महत्वपूर्ण कदम है. सभी प्रक्रियाओं को ऑनलाइन करना न केवल कर्मचारियों के लिए सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि सरकारी कामकाज में दक्षता और पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेगा.